देश के दुश्मनों के खात्मे के लिए भारत को मिल गया है सागर का ब्रह्मास्त्र. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को विशाखापत्तनम में अत्याधुनिक परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को नौसेना को समर्पित किया.
भारत की सामरिक शक्ति में इजाफा
आईएनएस अरिहंत एक ऐसी पनडुब्बी है, जो परमाणु शक्ति से लैस है. अपनी तरह का यह पहला अस्त्र आज से भारतीय बेड़े में शामिल हो रहा है.
आईएनएस अरिहंत की ताकत का सामना करना बेहद मुश्किल है. यह पनडुब्बी दुश्मन को नेस्तानाबूद करने में ज़्यादा वक्त नहीं लेती है. अब भारत का नाम दुनिया के उन ताकतवर मुल्कों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनसे लोहा लेना मुश्किल ही नहीं नाममुकिन भी है.
11 साल की मेहनत का नतीजा
परमाणु पनडुब्बी भारत के वैज्ञानिकों की बरसो की मेहनत का नतीजा है. माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में करीब 30 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. वैज्ञानिकों ने परमाणु पनडुब्बी के सपने को साकार करने के लिए 11 साल तक रात-दिन मेहनत की है.