दिल्ली हाई कोर्ट से इंडिया बुल्स को सुब्रमण्यन स्वामी और सोशल मीडिया के निशाने से राहत मिली है. इंडिया बुल्स लक्ष्मी विलास बैंक के साथ बैंकिंग क्षेत्र में उतरे थे और कॉरपोरेट इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र में काम कर रहे थे. हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को मानहानि के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत देते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यन स्वामी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व व्हाट्सएप के साथ वेब पोर्टल पीगुरुज और ये कार्टूनिस्ट को आदेश दिया है कि इंडिया बुल्स के खिलाफ उनके पोस्ट आधारहीन और मानहानि करने वाले हैं. लिहाजा वो इस बाबत नए पोस्ट डालने से बाज आएं.
दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने अपने अंतरिम आदेश में इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को कहा कि 2 हफ्ते में विवादास्पद पोस्ट हटाएं. इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने कोर्ट से रिट दायर कर गुहार लगाई थी. उनका कहना था कि पी गुरूज और ये कार्टूनिस्ट इनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाकर आए दिन लेख लिखकर और कार्टून बना बनाकर अपने वेब पोर्टल और सोशल मीडिया पर अपलोड करते रहते हैं. इनसे उनकी साख पर बट्टा लग रहा है.
कोर्ट ने वेब पोर्टल पी गुरु के सीईओ और कार्टूनिस्ट को समन भी जारी किया है. जबकि स्वामी सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 17 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है. बता दें इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमोटर्स द्वारा कथित तौर पर अवैध तरीके से धन के इस्तेमाल के आरोप पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान इंडियाबुल्स के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि यह दुर्भावनापूर्ण याचिका है जिससे उनके मुवक्किल के व्यवसाय और प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है. ये जनहित याचिका एनजीओ सिटीजन व्हिसल ब्लोअर फोरम ने दायर की है.