रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को डिफेंस एक्सपो का उद्धाटन किया. इस बार डिफेंस एक्सपो में मेक इन इंडिया पर ख़ास जोर है इसीलिए पीएम मोदी 12 अप्रैल को डिफेंस एक्सपो में मेक इन इंडिया स्टॉल का उद्घाटन करेंगे. यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री डिफेंस एक्सपो में शामिल होंगे. डिफेंस एक्सपो 11 से 14 अप्रैल के बीच चेन्नई के कांचीपुरम जिले के थिरुविदन्दाई में हो रहा है.
आजतक पर सबसे पहले हमने आपको एक्सक्लूसिव रिपोर्ट बताई कि पीएम मोदी के मेक इन इण्डिया मिशन के तहत पहली बार प्राइवेट कंपनी का बनाया पहला देशी युद्धपोत विक्रम को कोस्ट गार्ड के बेड़े में शामिल किया गया. लार्सन एंड टुब्रो ने ये युद्धपोत बनाया है.
युद्धपोत विक्रम को एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर, स्पीड बोट और आधुनिक संचार तंत्र से लैस किया गया है. इस नए युद्धपोत में 94 नाविक और 12 अफसर सवार हो सकते हैं. 6 हजार किमी लंबी समुद्री सरहद की निगरानी में कोस्ट गार्ड का ये नया शिप अहम जिम्मेदारी निभाएगा. युद्धपोत विक्रम एक बार 5 हजार नॉटिकल माइल्स तक जा सकता है. यानि एक बार में ये करीब 10 हजार किलोमीटर तक जा सकता है. अगर इसकी रफ़्तार की बात की जाय तो ये 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से समंदर में आगे बढ़ सकता है.
चेन्नई के कट्टुपल्ली में एक खास समारोह में रक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष भांमरे ने युद्धपोत विक्रम को कोस्ट गार्ड के बेड़े में शामिल किया. इस मौके पर सुभाष भांमरे ने कहा कि देश की समुद्री सरहद को और मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार हर संभव कदम उठा रही है. पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मिशन के तहत ये एक बड़ा कदम है.
विक्रम युद्धपोत आने वाले दिनों में अरब सागर की सरहद पर तैनात होगा. ये नया युद्धपोत समंदर में बढ़ते आतंक से मुकाबले में मददगार होगा. इस समय कोस्ट गार्ड के बेड़े में 117 शिप हैं, लेकिन पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मिशन के तहत आने वाले दिनों में 74 नए युद्धपोत शामिल होंगे. समंदर में कोस्टगार्ड और नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए गोवा शिपयार्ड में दिनरात नए-नए युद्धपोत बनाये जा रहे हैं. 2350 टन वजनी इस शिप की लम्बाई 105 और चौड़ाई 16 मीटर है. शिप के अधिकारी कमांडेंट आर अरविन्द ने बताया कि शिप को सभी तरह के आधुनिक हथियारों ओए संचार तंत्र से लैस किया गया है.
डिफेंस एक्सपो भारत की कई रक्षा प्रणालियों और इसके उपकरणों के निर्माण जिसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए निर्माण और निर्यात की क्षमता पर केंद्रित होगा. डिफेंस एक्सपो में मुख्य केन्द्र हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड का देश में ही डिजाइन किया गया चौथी जेनरेशन का हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस, एडवांस लाइट हेलिकाप्टर ध्रुव और डोर्नियर सिविलियन एयरक्राफ्ट शामिल होंगे. मेक इन इंडिया स्टॉल के जरिये भारत तेजस विमान के निर्यात के विकल्प भी तलाश करेगा.
डिफेंस एक्सपो में सेना के लिए 155 एमएम एडवांस आर्टिलरी गन का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इसे ओएफबीएस ने बनाया है. इसके साथ ही ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड की धनुष गन भी डिफेंस एक्सपो में खास आकर्षण है. धनुष गन अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है. पहली बार भारत ने अपनी खुद की बनाई एटीएजी को प्रदर्शनी में रखा है.
एक्सपो के अन्य आकर्षण में सेना के टैंक एमबीटी अर्जुन और ब्रिज बनाने वाले टैंक (बीएटीज) भी हैं. सेना में शामिल एम 46 गन को आधुनिक बनाकर उसे शारंग नाम दिया गया है. रूस में बनी करीब 50 साल पुरानी इस तोप को ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने नया रूप दिया है. आने वाले दिनों में ऐसी 300 तोप सेना में शामिल होंगी.
ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा विकसित एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम. ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने चार साल में 155 एमएम श्रेणी में दो नई तोपें बनाई हैं, जिन्हें देशी कंपनियों की मदद से तैयार किया गया है. देसी बोफोर्स धनुष और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा विकसित एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम. डीआरडीओ ने चार साल में 155 एमएम श्रेणी में दो नई तोपें बनाई हैं जिन्हें देशी कंपनियों की मदद से तैयार किया गया है. इन तोपों का कोई सानी नहीं है. चीन और पाकिस्तान से लगे ऊंचे पहाड़ों में इन तोपों को तैनात किया जाएगा.
ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड की विकसित इन तोपों में कई खूबियां हैं. इन्हें कहीं भी तेजी से ले जाया जा सकता है. ऑक्सिलरी पावर मोड इनमें लगा है जिसकी मदद से इसे बेहद साइलेंट तरीके से भी चलाया जा सकता. तोप में एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम और ऑटोमेटिक कमांड और कंट्रोल सिस्टम भी लगा है, जिसके कारण रात में इनके जरिए फायरिंग करना आसान होगा. 155 एमएम 52 कैलिबर की इन तोपों की फायरिंग रेंज करीब 40 किलोमीटर है.
ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड का लक्ष्य है कि प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर भारतीय सेना के लिए बेहतरीन हथियारों का निर्माण किया जाए. इन तोपों के सफल परीक्षण के बाद से चीन और पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. मेक इन इंडिया के तहत इन तोपों का निर्माण किया जा रहा है. इसकी रेंज और मारक क्षमता के कारण इनको चीन और पाक सीमा पर तैनात करने की तैयारी है.
डिफेंस एक्सपो समुद्र किनारे आयोजित किया जा रहा और इससे पूर्वी तटीय मार्ग चेन्नई से महाबलेश्वरम सटा हुआ है. इससे भारतीय नौसेना की स्वदेशी डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता भी दिखाई देगी. डिफेंस एकस्पो में 50 देशों की 80 रक्षा कंपनियां अपने रक्षा उत्पाद का प्रदर्शन कर रही हैं.