रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सेना के लिए दान पूरी तरह स्वैच्छिक है और वह किसी पर दबाव डाले जाने को पसंद नहीं करते. यह बात पर्रिकर ने एमएनएस के इस फरमान के संदर्भ में कही, जिसमें पार्टी ने पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर फिल्म बनाने वाले निर्माताओं से सेना कल्याण कोष (आर्मी वेलफेयर फंड) में पांच करोड़ रुपये का दान देने को कहा था.
सेना राजनीति में घसीटे जाने से नाखुश है. पर्रिकर ने कहा क अवधारणा स्वैच्छिक दान की है न कि किसी पर दबाव डालकर लेने की. हम इसे पसंद नहीं करते. रक्षा मंत्री ने कहा कि नवगठित बैटल कैजुअल्टी फंड का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि जो लोग शहीदों के परिजनों के कल्याण के लिए स्वेच्छा से दान देना चाहते हैं, वह दान दे सकें.
उन्होंने कहा रक्षा मंत्रालय संबद्ध एजीबी (एजुटेन्ट जनरल ब्रांच) की मदद से यह योजना चलाएगा. यह पूरी तरह स्वैच्छिक अनुदान है और इसके लिए दान देने की किसी भी मांग से हमारा संबंध नहीं है. पर्रिकर ने कहा कि मंत्रालय एक योजना बना रहा है जिसके माध्यम से शहीदों के सभी परिवारों की समान मदद की जाएगी.
'क्वेटा हमले के लिए पाक जिम्मेदार'
पर्रिकर ने क्वेटा आतंकी हमले में मौतों के लिए पाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकी पाले और उन्हीं आतंकियों ने आज उसे नुकसान पहुंचाया. पर्रिकर ने कहा कि जिन लोगों की जान हमले में गई हैं, उनके लिए शांति की कामना करता हूं. ये बहुत दुखद है. इस तरह की किसी भी हिंसा में हम विश्वास नहीं रखते हैं. आपने भस्मासुर वाली कहावत सुनी होगी, तो अगर किसी गलत आदत को पालते हैं तो वो आपको ही नुकसान पहुंचाती है.