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फ्रांस की मदद से बन रही 6 पनडुब्बियों का डेटा लीक, पर्रिकर ने नेवी चीफ को दिए जांच के आदेश

भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए फ्रांस की मदद से बन रहीं 6 पनडुब्बियों से जुड़े दस्‍तावेज और डाटा के लीक होने का खुलासा हुआ है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस मामले पर नेवी चीफ से रिपोर्ट मांगी है.

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

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भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए फ्रांस की मदद से बन रहीं 6 पनडुब्बियों से जुड़े दस्‍तावेज और डाटा के लीक होने का खुलासा हुआ है. ये लीक विदेशी मीडिया के हवाले से हुआ बताया जा रहा है. इस वाकये के बाद नौसेना में खलबली मची हुई है. ये मामला अब पीएमओ तक जा पहुंचा है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस मामले पर नेवी चीफ से रिपोर्ट मांगी है.

खबरों के मुताबिक इस मामले से संबंधित दस्तावेज एक फ्रांसीसी कंपनी से लीक हुए हैं. पर्रिकर ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस तरह का डाटा लीक हुआ है. क्या यह हैकिंग का मामला है या फिर किस तरह से लीक हुआ है. फ्रांस ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

जो डाटा लीक हुआ है, वह स्कॉर्पियन क्लास पनडुब्बी का है. जिसे फ्रांस के शिपबिल्डर डीसीएनएस ने भारत के लिए डिजाइन किया था. भारत की संवेदनशील स्कॉर्पियन पनडुब्बी की लड़ाकू क्षमताओं से जुड़े दस्तावेजों के लीक होने की जानकारी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दी है.

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22,400 पेज के इस खुलासे में ऑस्ट्रेलियन न्यूजपेपर का कहना है कि लड़ाकू क्षमता वाले स्कॉर्पीन-क्लास के सबमरीन्स का डिजाइन इंडियन नेवी के लिए किया गया था. इसके कई पार्ट का इस्तेमाल चिली और मलयेशिया भी करते रहे हैं. ब्राजील को भी 2018 में ये जहाज मिलने वाले थे.

हम पर नहीं होगा ज्यादा असर
नेवी के सूत्रों ने बताया कि इस लीक का हमारी स्कॉर्पीयन पनडुब्बी परियोजना पर ज्यादा असर नहीं होगा. क्योंकि यह लीक विदेशी की धरती से हुआ है भारत से नहीं. रक्षा मंत्री के अधिकारी पहले इसके भारतीय एंगल की जांच करेंगे और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को प्रारंभिक रिपोर्ट सौपेंगे.

सूत्रों के मुताबिक ये मामला व्यवसायिक प्रतिद्वांदिता का मामला हो सकता है. स्कॉर्पियन पर सूचना फ्रांस में 2011 में भारत के लिए तैयार की गई थी औऱ संदेह है कि इसी साल फ्रांस में फ्रेंच नेवी के पूर्व ऑफिसर द्वारा इसे छिपा लिया गया होगा जो कि DCNS में तैनात होगा. इस सूचना को आगे तीसरी पार्टी को सौंप दिया गया हो. यह अभी साफ नहीं है कि एशिया में किस तरीके से इस डेटा को शेयर किया गया.

इस बीच, स्कॉर्पीन डेटा लीक मामले को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में रक्षा सचिव जी मोहन कुमार, नेवी चीफ सुनील लांबा और नेवी के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हो रहे हैं. इस बैठक में दस्तावेज लीक को लेकर रक्षा औऱ सुरक्षा क्षेत्र पर होने वाले असर की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय इस मामले की पड़ताल के लिए फ्रांस एक टीम भेजने पर भी विचार रह रहा है.

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