रक्षा मंत्री बनने के बाद पहली बार सियाचिन का दौरा कर रहे मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को विश्व के सबसे ऊंचे युद्धस्थल के बेस कैंप में सैनिकों से मुलाकात की. वह सुरक्षा समीक्षा के लिए दो दिनों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. नरेंद्र मोदी सरकार में पिछले वर्ष 9 नवम्बर को रक्षा मंत्री बनाए गए पर्रिकर ने ग्लेशियर का हवाई सर्वेक्षण भी किया.
रक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ दौरे पर गए मंत्री ने बाद में राज्य के राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से भी मुलाकात की और राज्य में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की.
सैनिकों से की बातचीत
रक्षा मंत्री और उनका काफिला थोइसी एयरबेस पर शुक्रवार सुबह पहुंचा जहां से वह हेलीकॉप्टर से बेस कैंप तक गए. पर्रिकर ने सियाचिन बेस कैंप में स्मारक पर श्रद्धांजलि दी और सबसे कठिन इलाके में तैनात सैनिकों से बातचीत की. अधिकारियों ने बताया, ‘उन्होंने सैनिकों के साहस और कर्तव्य के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की.’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने ग्लेशियर इलाके की स्थिति से अवगत कराया. बाद में पर्रिकर ने ग्लेशियर का हवाई सर्वेक्षण किया.
घाटी की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा
अधिकारियों ने कहा कि सियाचिन से वह लेह गए, जहां 14वें कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी ने उन्हें चीन की सीमा की तरफ वास्तविक नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान की सीमा की तरफ नियंत्रण रेखा की स्थिति से अवगत कराया. यहां पहुंचने पर रक्षा मंत्री को कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया. साथ ही उन्हें घुसपैठ निरोधक ग्रिड के बारे में भी बताया गया.
रक्षा सूत्रों ने कहा कि श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने घाटी में अभियानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. जानकारी मुख्यत: राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को आंशिक या पूरी तरह हटाने की स्थिति में सुरक्षा ग्रिड पर होने वाले संभावित असर पर केंद्रित था.
सीमा पार से घुसपैठ की चिंता
सूत्रों ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने मंत्री को एलओसी की स्थिति के बारे में भी बताया. पहाड़ों पर बर्फ पिघलने पर सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों की संभावना और इस तरह के प्रयासों को विफल करने के लिए बनाई गई रणनीति से भी उन्हें अवगत कराया गया.
पर्रिकर ने कल कहा था कि देश के किसी भी खतरे से निपटने के लिए वह ‘अग्र सक्रिय कदम’ उठाएंगे. उन्होंने कहा था, ‘आप आतंकवादियों का सफाया केवल आतंकवादियों से ही कर सकते हैं.’ पर्रिकर शनिवार सुबह जम्मू जाएंगे और पुंछ सेक्टर में अग्रिम चौकियों का दौरा करेंगे.
- इनपुट भाषा