मालदीव में सत्ता परिवर्तन भारत के लिए बेहतर संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और मालदीव की नवनिर्वाचित सरकार के आश्वासन भी इस तथ्य को मजबूती दे रहे हैं. इस बीच मालदीव की रक्षा मंत्री ने भारत के साथ मालदीव के रिश्तों को 'सबसे पहले' रखने का दावा किया है.
रक्षा मंत्री मारिया अहमद ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी को लेकर मालदीव बेहद उत्साहित था. उन्होंने कहा कि मालदीव हमेशा 'इंडिया फर्स्ट' पॉलिसी को लेकर चलेगा.
भारत-मालदीव संबंधों पर मारिया अहमद ने कहा, 'मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं कि मालदीव से भारत के रिश्ते पिछली एमडीपी (मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी) सरकार (2008-2012) में भी अच्छे थे. मुझे उम्मीद है कि 'इंडिया फर्स्ट' वाली नीति हम आगे भी जारी रखेंगे.'
शपथ ग्रहण में शामिल हुए मोदी
मालदीव के नए राष्ट्रपति के रूप में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने शनिवार (17 नवंबर) को शपथ ली और विपक्ष की एकजुटता की वजह से चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन के शासन का अंत हो गया. 54 साल के सोलिह साझा विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर उभरे क्योंकि सभी प्रमुख असंतुष्ट नेता या तो जेल में हैं या उन्हें यामीन ने जबरन निर्वासत कर दिया था. यामीन ने 2013 में विवादास्पद तरीके से सत्ता हासिल की थी. सोलिह के शपथ ग्रहण में पीएम मोदी भी शामिल होने पहुंचे थे.
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को देश की जनता से सरकार की ओर से किए गए वादों को पूरे करने में सभी प्रकार का सहयोग देने का अश्वासन दिया. साथ ही सामरिक रूप से अहम हिंद महासागर द्वीप देश की जरूरतों के हिसाब से अधिकारियों के साथ जल्द एक बैठक करने का सुझाव दिया.
मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नेता सोलिह को देश के सातवें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाए जाने के तत्काल बाद मोदी और सोलिह ने शनिवार को बातचीत की और इसके बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और मित्रता को प्रगाढ़ करने की उम्मीद व्यक्त की है.
रक्षा मंत्री मारिया अहमद ने भी पीएम मोदी और राष्ट्रपति सोलिह की मुलाकात पर बयान दिया. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच भारतीय उपमहाद्वीप में शांति और सुरक्षा स्थापित करने पर सहमति बनी.
इससे पहले राष्ट्रपति सोलिह ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया था कि मालदीव भारत तथा अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ अपने मौजूदा संबंधों को मजबूत बनाएगा.
संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेता हिंद महासागर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जरूरत तथा क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक दूसरे की चिंताओं तथा आकांक्षाओं के प्रति सजग रहने पर सहमत हैं. वहीं, पीएम मोदी ने मालदीव को हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है.