राफेल डील पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए पूछा कि यूपीए सरकार में सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहाकार समिति क्या थी? इसके जरिए वह रिमोट कंट्रोल वाली सरकार चला रही थीं. उन्होंने कहा कि पीएमओ ने राफेल डील में हस्तक्षेप नहीं किया, बल्कि पीएमओ ने डील की प्रगति रिपोर्ट के बारे में पूछा था.
रक्षामंत्री ने कहा कि पीएमओ को अधिकार है कि वह देश की किसी भी योजना या डील को मॉनीटर कर सकते हैं. रक्षा मंत्रालय से दस्तावेजों को लीक करना एक गंभीर बात है. राहुल गांधी का नाटक चुनाव के लिये है. डंके चोट पर हम सटीक जबाव देंगे. जीतना राहुल गांधी बोलेंगे. उतनी मजबूती से हम जीतेंगे, राफेल हमें जीताएगा. सिर्फ राफेल नहीं, मोदी सरकार के सभी फैसले पारदर्शी तरिके से लिये गये हैं.
#DMtoANI on MoD's dissent note on Rafale negotiations: They've published half-truth; my suspicion is, they wanted to create doubts in reader's mind...To me, it looks an attempt by ppl whether doing it for themselves or in response to some corporate warfare going on in this matter pic.twitter.com/8Dci9lpZoz
— ANI (@ANI) February 8, 2019
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि पीएमओ किसी मामले में पूछता है कि प्रगति क्या है? डील कहां तक पहुंची? क्या यहां हो रहा है? क्या यह फ्रांस में हो रहा है? क्या आप सभी आगे बढ़ रहे हैं? इसे हस्तक्षेप के रूप में नहीं माना जा सकता है. क्या एक पत्रकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वह खबर छापने से पहले अगले खोजे? या कम से कम मंत्रालय से जवाब पाने की कोशिश करें. उन्होंने आधा सच छापा है. रक्षा मंत्री के उसी नोट पर लिखे कमेंट को नहीं दिखाया गया, क्यों?
#WATCH Defence Minister Nirmala Sitharaman: I want to ask the Congress party, what was the NAC? National Advisory Council under Shrimati Sonia Gandhi. It was not a Constitutional body. It was remote controlling the PMO. Was that interference? #RafaleDeal #DMtoANI pic.twitter.com/19OsNNquR4
— ANI (@ANI) February 8, 2019
उन्होंने कहा कि हम राफेल डील को लेकर परेशान नहीं है. हमने मेरिट के आधार पर यह डील की है. हम बेबुनियाद आरोपों से परेशान है. यह डील ईमानदारी के साथ की गई है. सवाल तो राहुल गांधी से पूछना चाहिए, आखिर उनका पूरा परिवार बेल पर बाहर क्यों है. खुद आरोपों से घिरे हैं और ईमानदार प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं. अगर विपक्ष और राहुल हमला करना चाहते हैं, तो ठीक है लेकिन कुछ होमवर्क करो, हम सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.