रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना के पास गोला-बारूद की कमी के लिए पहले की यूपीए सरकार को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने युद्ध की स्थिति के लायक हथियार और गोला-बारूद के जखीरे को बनाए रखने के लिए कदम नहीं उठाए.
मनोहर पर्रिकर ने दावा किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पहले से स्थिति में सुधार हुआ है. पर्रिकर का यह बयान गोला-बारूद के प्रबंधन पर आई हालिया CAG की रिपोर्ट पर आया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना भारी मात्रा में गोला-बारूद की कमी से जूझ रही है और युद्ध के दिनों के लिए इसके पास मात्र 20 दिन के हथियार व गोला-बारूद मौजूद है.
दो दिवसीय नागपुर प्रवास के दौरान पर्रिकर ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं CAG की रिपोर्ट को स्वीकार करता हूं, जिसमें कहा गया है कि युद्धस्थिति में सेना के पास मात्र 20 दिन का ही हथियार व गोला-बारूद बचे हैं. लेकिन यह स्थिति साल 2013 में थी और अब इसमें सुधार आया है. चिंता की कोई बात नहीं.’
उन्होंने कहा कि गोला-बारूद के जरूरी जखीरे की हालत साल 2008 से 2013 तक बहुत खराब थी और इस बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया गया था, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं.
इनपुट: भाषा