भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर भले ही तनाव को कम करने की कोशिशें जोर पकड़ रही हों. लेकिन भारत ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार सुबह बॉर्डर पर जारी सड़क निर्माण और अन्य निर्माण को लेकर रिव्यू बैठक की. भारत चीनी सरहद से सटे लद्दाख के इलाके में सड़क निर्माण का काम तेज करने जा रहा है. सरकार इस मद में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.
एक सूत्र ने आजतक/इंडिया टुडे से कहा, कुल 30 स्थायी पुल निर्माणाधीन हैं और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे जिनमें कई हाइवे और सुरंगों के निर्माण भी शामिल हैं. सूत्र ने कहा कि लद्दाख के इलाके में हालिया स्थिति को देखते हुए काफी कम वक्त में सड़कों का काम पूरा कर लेने का लक्ष्य है.
आपको बता दें कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के जिम्मे बॉर्डर पर सभी निर्माण करने का जिम्मा रहता है. मंगलवार को रक्षा मंत्री ने BRO के वरिष्ठ अधिकारियों से सभी प्रोजक्ट का रिव्यू लिया, इसके अलावा निर्माण कार्य में तेज़ी लाने की बात कही.
इस बैठक में LAC के साथ-साथ LOC पर भी निर्माण कार्यों का रिव्यू किया. BRO को जल्द से जल्द सभी निर्माण कार्य पूरा करने को कहा गया है. इस दौरान BRO के DG लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने पूरी जानकारी दी.
Defence Minister Rajnath Singh reviewed the ongoing projects with Border Road Organisation Chief Lt Gen Harpal Singh and other senior officials at a meeting in South Block today: Office of Defence Minister https://t.co/cJv03a2XH5 pic.twitter.com/TXuP7MGE91
— ANI (@ANI) July 7, 2020
सिर्फ चीन बॉर्डर के पास ही कई दर्जन पुलों का निर्माण चल रहा है. एलएसी के पास सामरिक पुल और सड़कों को बनाने का काम युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रहा है.
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सीमा सड़क संगठन (BRO) तेजी से सामरिक सड़कों और पुल को बना रहा है. 3 साल में 40 पुलों पर काम चल रहा है, जिसमें से 20 पुल बनकर तैयार हैं. 2022 तक 66 सामरिक सड़कें बनाने का भी लक्ष्य है.
बीते दिनों खबर थी कि नेशनल हाइवे मंत्रालय ने बॉर्डर पर जारी सड़क निर्माण को पूरा करने के लिए अतिरिक्त बजट भी दिया है. इसके अलावा वक्त के अंदर काम पूरा करने को कहा गया है. बता दें कि लॉकडाउन की वजह से काम पर काफी प्रभाव पड़ा था, लेकिन जब अनलॉक शुरू हो चुका है और चीन से तनाव भी बढ़ा.
ऐसे में सरकार की ओर से अतिरिक्त मजदूरों को लेह, लद्दाख भेजा गया है. अब हजारों की संख्या में मजदूर सड़क-पुल और सेना से जुड़े अन्य निर्माण कार्य में जुटे हैं.
दरअसल, चीन को भारत के इन्हीं सड़क निर्माणों से दिक्कत है. भारत दौलत बेग तक अपने सड़क नेटवर्क को मजबूत कर रहा है. लेकिन चीन को डर है कि इससे उसके वन बेल्ट प्रोजेक्ट पर अड़ंगा लग सकता है क्योंकि तब भारतीय सेना आसानी से यहां पर आ जाएगी.