रक्षा मंत्री बनते ही निर्मला सीतारमण एक्शन में आ गई हैं. रक्षा मंत्रालय की गतिविधियों और काम-काज के तरीकों से परिचित होने के लिए वे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कर नई व्यवस्था बना रही हैं. जिसके अनुसार किसी मसले पर जल्द फैसला लेने के लिए तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव के साथ रोजाना बैठक शुरू करने का नियम बनाया गया है.
इसके अलावा रक्षा मंत्री अधिग्रहण प्रस्तावों की गति तेज करने पर विशेष बल दे रही हैं. काम-काज निश्चित समय सीमा में जल्द निपटाने के लिए पाक्षिक रूप से डीएसी बैठक करने का भी उन्होंने फैसला लिया है.
To step up the pace of defence acquisitions, Smt @nsitharaman will hold Defence Acquisition Council meetings on a fortnightly basis
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) September 11, 2017
बताया जा रहा है कि सीतारमण ने रक्षा तैयारियों और रणनीतिक हितों से जुड़े मसलों की समीक्षा के लिए तीनों सेना प्रमुखों के साथ कई बैठ
कें निश्चित की हैं. कहा जा रहा है कि बैठक में रक्षा संरचना से जुड़ी परियोजनाओं के लिए जमीन से संबंधित मसलों और रक्षाकर्मियों एवं उनके परिवारों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर भी चर्चा की जाएगी.
मंत्री बनने के बाद इस तरह एक्शन में है सीतारमण
- पद संभालने के तुरंत बाद ही उन्होंने अपने पहले फैसले के तौर पर रक्षा मंत्री एक्स-सर्विसमेन फंड (आरएमईडब्ल्यूएफ) से वित्तीय सहायता को मंजूरी दी.
- भारतीय नौसेना के छह सदस्यीय महिला चालक दल आईएनएसवी तारिणी नौका पर सवार होकर दुनिया का चक्कर लगाने निकला है. इस दल को सीतारमण ने हरी झंडी दिखाकर गोवा में रवाना किया.
- इसके अलावा वे भारत-पाक सीमा के नजदीक उत्तरलाई वायु सेना स्टेशन पहुंची. उनके उत्तरलाई पहुंचते ही जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
- वहीं उन्होंने पहली बार मिग 21 बाइसन के कॉकपिट में बैठकर इस फाइटर जेट की ताकत को समझा.