अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में इटली की अदालत के फैसले के बाद सरकार की नींद खुली है. सरकार ने अब रोम में भारतीय दूतावास से कोर्ट के फैसले की जानकारी मांगी है.
स्कैम पर रक्षा मंत्री ने अपनाया सख्त रुख
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अगस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर स्कैम पर सख्ती दिखाई है. उन्होंने 'आज तक' से कहा कि सीबीआई की ओर से चार्जशीटेड और गंभीर अपराध में शामिल लोगों पर हम कोई नरमी करनेवाले नहीं हैं. मंत्रालय किसी बड़ी कार्रवाई करने से पहले वेट एंड वॉच की स्थिति में है.
अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में रक्षा मंत्रालय ने रोम में भारतीय दूतावास से इटली के कोर्ट के फैसले की जानकारी तलब की है. कोर्ट के फैसले के जानकारी मिलने के बाद रक्षा मंत्रालय पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के आधिकारिक सरकारी समारोहों में शामिल होने को लेकर एडवाइजरी जारी कर सकता है.
मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टोलरेंस की नीति पर काम कर रही है. चॉपर घोटाले में शामिल सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी @aajtak
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) April 26, 2016
काँग्रेस के चेहरे से नकाब उतर गया है. देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करनेवाली @INCIndia को उसके पापों की सजा भुगतनी पड़ेगी @aajtak Live
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) April 26, 2016
काँग्रेस की मनमोहन-सोनिया गाँधी सरकार भ्रष्टाचार, कुशासन और घोटालों की चैंपियन सरकार थी, परत-दर-परत घोटालों की फाइल खुलती जा रही है @aajtak
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) April 26, 2016
2010 में हुई थी डील
इटली के मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले के मुताबिक, 2010 में हुई वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार हुआ. इतना ही नहीं इटली की अदालत ने इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी शामिल बताया है.
17 पेजों में सिर्फ पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी का जिक्र
कोर्ट ने कहा कि इस सौदे के दौरान एक से डेढ़ करोड़ डॉलर का अवैध फंड भारतीय अफसरों तक पहुंचा. अदालत के 225 पन्नों के फैसले में अलग से 17 पेज सिर्फ पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी के बारे में हैं. इनमें जिक्र है कि किस आधार पर अदालत इस फैसले पर पहुंची कि भारतीय सरकारी अफसरों ने भ्रष्टाचार किया.