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फर्जी PMO अधिकारी के जरिए CVC से लॉबी कराने वाला रक्षा मंत्रालय का सीनियर अधिकारी निलंबित

एडिशनल कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स सवितुर ने कन्हैया कुमार को PMO का फर्जी अधिकारी बनाकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के अधिकारी से लॉबिंग करवाने की कोशिश की थी. यह मामला 23 अक्टूबर को सामने आया था, जिसके बाद 21 नवंबर को कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (CGDA) ने सवितुर को पद से हटा दिया.

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सवितुर प्रसाद
सवितुर प्रसाद

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रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी सवितुर प्रसाद को लॉबिंग करवाने के आरोप में निलंबित कर दिया है. एडिशनल कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स सवितुर ने कन्हैया कुमार को PMO का फर्जी अधिकारी बनाकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के अधिकारी से लॉबिंग करवाने की कोशिश की थी. यह मामला 23 अक्टूबर को सामने आया था, जिसके बाद 21 नवंबर को कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (CGDA) ने सवितुर को पद से हटा दिया.

मामले में CVC की ओर से शिकायद दर्ज कराने के बाद दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था. दरअसल, सितंबर में कन्हैया कुमार ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी से मुलाकात की थी और खुद को PMO का डायरेक्टर बताया था. इसके साथ ही उसने अपना नाम कन्हैया की बजाय कृष्ण कुमार बताया था. बताया जा रहा है कि इस दौरान कथित तौर पर सवितुर प्रसाद भी कन्हैया कुमार के साथ मौजूद थे.

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रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सवितुर प्रसाद ने CVC केवी चौधरी से लॉबिंग करने के लिए फर्जी PMO अधिकारी का इस्तेमाल किया. उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त चौधरी को अपना आधिकारिक विजिटिंग कार्ड भी दिया, जिसमें प्रधानमंत्री का रूम नंबर लिखा था. इस दौरान कन्हैया कुमार ने चौधरी से अपील की कि वो सवितुर को अपने ऑर्गेनाइजेशन की ज्यादा जिम्मेदारी सौंपने की लॉबिंग की.

इस पर चौधरी को आशंका हुई और फिर उन्होंने पीएमओ कार्यालय से कृष्ण कुमार के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की, तो पता चला कि वहां इस नाम का कोई अधिकारी ही नहीं है. इसके बाद CVC ने दिल्ली पुलिस को अलर्ट कर दिया. इस पर दिल्ली पुलिस ने कन्हैया को गिरफ्तार कर लिया. मामले में कन्हैया की गिरफ्तारी होने के बाद सवितुर प्रसाद ने उससे दूरी बना ली, लेकिन रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अगस्त में दोनों ट्रेन से लखनऊ गए थे और कुछ नेताओं से मुलाकात की थी. इतना ही नहीं, दोनों सेना के लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड में ठहरे भी थे.

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