बीते कुछ समय से विदेशी खुफिया एजेंसियों की ओर से इंटरनेट के जरिए जासूसी के प्रयासों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान ने इस ओर ताजा रेड अलर्ट जारी किया है. इसके तहत विदेशी एजेंसियों खासकर चीन और पाकिस्तान की ओर से इंटरनेट घुसपैठ के प्रति सर्तक रहने के लिए कहा गया है.
गृह मंत्रालय और कुछ अन्य जगहों से मिले इनपुट के बाद रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेना बल और अन्य प्रतिष्ठानों को नए सुरक्षा मानकों के तहत विशेष रूप से सर्तक रहने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. 12 मार्च को इस ओर जारी रक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि रक्षा कर्मियों, विशेष रूप से सशस्त्र बलों से संबंधित संगठन/ सशस्त्र बलों से संबंधित मामलों में सेवारत कर्मचारी और अधिकारी विदेशी खुफिया जासूसी प्रयासों और एजेंट का लक्ष्य हो सकते हैं.
नए दिशा-निदेर्शों में फोटोकॉपी मशीन पर खास नजर रखने के लिए कहा गया है. इसके अलावा इन गोपनीय विभागों और डेटा संबंधित विभागों में आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन की भी बात की गई है. एक अधिकारी ने बताया कि कंप्यूटर आदि से पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और सीडी आदि के जरिए भी संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा है.
दिलचस्प बात यह भी है कि चीन ने अपने मासिक पत्रिका 'द साइंस ऑफ मिलिट्री स्ट्रैटजी' के ताजा अंक में पहली बार यह स्वीकार किया है कि उसकी सेना के पास विशेष साइबर युद्ध इकाइयां हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन नियमित तौर पर भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों के कंप्यूटर नेटवर्क में घुसपैठ की कोशिश करता रहता है.