रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज महत्वपूर्ण ऐलान किया है. रक्षा मंत्री ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत की पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. मंत्रालय ने 101 उन रक्षा उपकरणों की सूची तैयार की है जिनके आयात पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. रक्षा मंत्री ने बताया कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.
अपने सिलसिलेवार ट्वीट में राजनाथ सिंह ने कहा कि इस लिस्ट में न केवल कुछ पार्ट्स शामिल हैं बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार मसलन असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, LCH, रडार और कई अन्य चीजें शामिल हैं.
The Ministry of Defence is now ready for a big push to #AtmanirbharBharat initiative. MoD will introduce import embargo on 101 items beyond given timeline to boost indigenisation of defence production.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
रक्षा मंत्री के मुताबिक यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर किया गया है. इस फैसले से भारत के रक्षा उद्योग को बड़े पैमाने पर उत्पादन का अवसर मिलेगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को निगेटिव लिस्ट में शामिल आइटम्स के निर्माण का अवसर मिलेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी स्टेकहोल्डर्स से विचार विमर्श के बाद प्रोडक्ट यानी रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाई जाएगी. अभी जो फैसले किए गए हैं, वो 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू किए जाएंगे. 101 उत्पादों की सूची में आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स (AFVs) भी शामिल हैं.
राजनाथ सिंह ने बताया कि इस लिस्ट को रक्षा मंत्रालय ने सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे कि सशस्त्र बलों, निजी और सरकारी उद्योगों से विचार विमर्श के बाद तैयार किया है. बातचीत के दौरान भारत में गोला-बारूद और विभिन्न रक्षा उपकरणों के निर्माण को लेकर भारतीय उद्योग की मौजूदा और भविष्य की क्षमताओं का आकलन भी किया गया.
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे उत्पादों की तकरीबन 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए थे. अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए जाएंगे.
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे कि निगेटिव इंपोर्ट लिस्ट के अनुसार उपकरणों के उत्पादन की समय-सीमा पूरी की जाए. इसमें रक्षा सेवाओं द्वारा उद्योग को हाथ में लेने के लिए एक समन्वित तंत्र शामिल होगा.
बहरहाल, लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षा मंत्री के इस ऐलान को काफी अहम माना जा रहा है. इससे पहले, मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह 10 बजे एक महत्वपूर्ण ऐलान करेंगे और कयास लगाए जा रहे थे कि रक्षा मंत्री रक्षा आयात को लेकर निगेटिव सूची के संदर्भ में कोई ऐलान कर सकते हैं.
पहले, माना जा रहा था कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही एक नेगेटिव आर्म्स लिस्ट लेकर आने वाला है. इसके तहत कुछ हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इसका ऐलान कर ही दिया.
गतिरोध जारी रहने की संभावना
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने चीन के साथ गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने की संभावना जताई थी. क्योंकि भारत और चीन के बीच एलएससी पर पैंगोंग झील को लेकर बातचीत के बावजूद अभी कोई हल नहीं निकल पाया है. इसकी वजह से डिसएंगेजमेंट को लेकर चल रही चर्चा में गतिरोध जारी है.
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भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए कहा था कि डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया अटक गई है. रक्षा मंत्रालय ने पहली बार चीनी घुसपैठ को अतिक्रमण (transgression) के रूप में स्वीकार करते हुए आधिकारिक रूप से जानकारी वेबसाइट पर डाली थी. हालांकि राजनीतिक तौर पर विवाद बढ़ने के बाद गुरुवार को वेबसाइट से इस रिपोर्ट को अब हटा लिया गया.
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बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले लद्दाख दौरे के दौरान लुकुंग में गलवान के उन जांबाज सैनिकों से मिले थे जो चीन के साथ हिंसक झड़प में घायल हो गए थे. इन सैनिकों में कई अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और अपनी ड्यूटी पर लौट गए हैं.