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सांसदों के बचाव में आए शिवसेना चीफ उद्धव, CM चव्हाण को जबरदस्ती खिलाया जाना चाहिए सदन का खाना

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर अपने सांसदों का बचाव किया. पार्टी ने यहां तक कह डाला कि महाराष्ट्र सदन का 'घटिया' खाना मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को जबरदस्ती खिलाया जाना चाहिए.

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Uddhav Thackeray
Uddhav Thackeray

रोजेदार को शिवसेना सांसद की ओर से जबरन रोटी खिलाए जाने के मामले पर आज भी संसद में हंगामे के आसार हैं.

कांग्रेस शिवसेना सांसदों की हरकत के बहाने सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर अपने सांसदों का बचाव किया. पार्टी ने यहां तक कह डाला कि महाराष्ट्र सदन का 'घटिया' खाना मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को जबरदस्ती खिलाया जाना चाहिए.

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कैटरिंग स्टाफ से बदसलूकी करने वाले शिवसेना सांसदों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, अलबत्ता महाराष्ट्र सरकार ने खाने की क्वालिटी की जांच के आदेश जरूर दे दिए हैं. महाराष्ट्र सदन में कैटरिंग का जिम्मा संभालने वाली IRCTC ने भी दो सदस्यों की कमेटी बना ली है. यह कमेटी तीन दिनों के भीतर रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट सौंपेगी.

 

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी महाराष्ट्र सदन के कमिश्नर से मामले पर रिपोर्ट मांगी है. आयोग का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद आगे के कदम पर फैसला लिया जाएगा.

सामना में किया गया सांसदों का बचाव
शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र 'सामना' में दोहराया है कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और सांसदों को कैटरिंग सुपरवाइजर के धर्म की जानकारी नहीं थी.

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अखबार ने लिखा है, 'महाराष्ट्र सदन का कैंटीन मालिक खराब क्वालिटी का खाना दे रहा था. इसके खिलाफ प्रदर्शन करने में गलत क्या है? हमारे सांसद बस उसे वह खाना खिलाना चाहते थे, जो वह औरों को खिला रहा था. हमें उसकी धर्म और जाति के बारे में कैसे पता चलता? यह किसी के चेहरे पर नहीं लिखा होता.'

धर्म एक निजी चीज है: शिवसेना
शिवसेना ने लिखा, 'बाद में हमें पता चला कि वह हमारा मुस्लिम भाई था. लोग कहने लगे कि वह मुसलमान था इसलिए शिवसेना ने उसका रोजा तुड़वाया. ये खबरें महाराष्ट्र सदन और मंत्रालय के लोग प्लांट कर रहे हैं. शिवसेना सभी धर्मों का सम्मान करती है. हर किसी को अपने घर और दिलों में अपने धर्म का पालन करना चाहिए. धर्म एक निजी चीज है. लेकिन शिवसेना को निशाने पर लेने के लिए कुछ लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं. हम यह होने नहीं देंगे.'

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