दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी दफ्तर में अपना धरना खत्म कर चुके हैं. 9 दिनों तक एलजी दफ्तर में धरना देने के बाद केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई. वह इलाज के लिए बेंगलुरु जाएंगे. केजरीवाल 10 दिन तक बेंगलुरु में रहेंगे.
इस बीच दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल के धरना खत्म करने के पीछे की रणनीति अब सबके सामने आ चुकी है. और इसी छुट्टी पर जाने के लिए केजरीवाल ने मंगलवार को धरना खत्म किया था.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि छुट्टी पर जाने के लिए धरने पर से मंगलवार को उठना ज़रूरी था और केजरीवाल ने यही किया. गुप्ता ने केजरीवाल की छुट्टी को दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात बताया है.
गुप्ता ने कहा कि पहले 9 दिनों का धरना और उसके बाद अब 10 दिनों की छुट्टी में केजरीवाल से कोई संपर्क नहीं हो पाएगा, जिसका मतलब साफ है कि केजरीवाल भीषण गर्मी में दिल्ली को प्यासा छोड़ बेंगलुरु जा रहे हैं.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 9 दिनों के धरने के बाद दिल्ली वाले सोच रहे थे कि अब मुख्यमंत्री धरने प्रदर्शन के बाद उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे, लेकिन सीएम उल्टा छुट्टी पर जा रहे हैं.
गुप्ता ने कहा कि 9 दिनों के धरने के दौरान सीएम ने कोई काम नहीं किया और जब काम करने की बारी आई तो छुट्टी पर जा रहे हैं जो केजरीवाल के गैरजिम्मेदाराना रवैये को दिखाता है.
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सीएम केजरीवाल पिछले साढ़े चार महीने के दौरान फरवरी में सिर्फ एक दिन, मार्च में 9 दिन, मई में 5 दिन के अलावा अप्रैल और जून में एक भी दिन सीएम दफ्तर नहीं गए. यानि साढ़े चार महीने में सिर्फ 15 दिन ही केजरीवाल कार्यालय गए हैं.
गुप्ता ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहते इतने कम समय के लिए दफ्तर जाने पर उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होना चाहिए.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली विधानसभा से भी नदारद रहते हैं और बीते दिनों खत्म हुए सत्र में वह 3 दिन विधानसभा नहीं आए थे.