पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को दिल्ली पहुंचीं. दिल्ली पहुंचने के साथ ही ममता एलजी हाउस पर धरने पर बैठे अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल से समय मांगा, लेकिन उन्होंने वक्त देने से मना कर दिया. ममता तीन और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अरविंद केजरीवाल से मिलना चाहती थीं. ममता के साथ केरल के मुख्यमंत्री विजयन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी कुमारस्वामी मौजदू थे.
ममता ने अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचकर उनकी पत्नी से मुलाकात की. केजरीवाल की पत्नी से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली की जो समस्या है वो किसी भी राज्य के साथ हो सकती है. हम यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन के लिए आए हैं. हमारी मांग है कि पीएम मोदी इस मामले में दखल दें और इसका हल निकालने के लिए जरूरी कदम उठाएं. इस मुद्दे पर कल होने वाली नीति आयोग की बैठक में हम लोग पीएम मोदी से बात करेंगे.
ममता ने कहा कि दिल्ली में संवैधानिक संकट है. ऐसा कोई भी संकट नहीं होना चाहिए जिससे कि सरकार और आम जनता दिक्कत महसूस करे. दिल्ली में 2 करोड़ लोग हैं. चार महीने से दिल्ली का काम बंद पड़ा है. इससे ज्यादा दुर्भाग्य कुछ भी नहीं हो सकता है. एलजी ने वक्त नहीं दिया तो किसके पास जाएं.
ममता ने कहा कि मैं केजरीवाल से मिलना चाहती थी, लेकिन मुझे इजाजत नहीं दी गई. मुख्यमंत्रियों को मिलने नहीं देना लोकतंत्र की हत्या है. मुलाकात की इजाजत नहीं मिलने पर हम चारों मुख्यमंत्रियों ने एलजी को पत्र लिखा, लेकिन बताया गया कि एलजी भी नहीं हैं. हमने इतनी देर इंतजार किया और हमें मिलने की इजाजत नहीं मिली.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि हम यहां केजरीवाल के समर्थन में आए हैं. लोकतंत्र की रक्षा के लिए पीएम को इस मामले में दखल देना चाहिए. केंद्र सरकार को इस मुद्दे को खत्म करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा कि केंद्र राज्य को साथ काम करना चाहिए. ममता बनर्जी ने LG से इजाजत मांगी, मगर नही दी गई.