राजधानी में सिलसिलेवार बम धमाकों को एक साल पूरा हो गया है लेकिन इंडियन मुजाहिदीन के 14 संदिग्ध आतंकवादी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं, जिन्हें धमाकों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.
5 धमाकों में हुई थी 26 लोगों की मौत
पिछले साल 13 सितंबर को राजधानी में पांच जगह बम धमाके हुए थे, जिनमें 26 लोगों की मौत हो गयी थी तथा 133 अन्य जख्मी हो गये थे. आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने धमाकों की जिम्मेदारी ली थी. शहरवासियों ने नम आंखों से इन विस्फोटों में मृत लोगों को याद किया. इस बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे इंडियन मुजाहिदीन के सरगना आमिर रजा खान सहित धमाकों में शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.
12 संदिग्धों को पुलिस ने था पकड़ा
पुलिस ने घटना के कुछ दिन बाद धमाकों में शामिल होने के संदेह में 12 लोगों को पकड़ा था. इसके अलावा विस्फोट के एक सप्ताह बाद दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर में एक मुठभेड़ में दो लोगों की मौत हो गयी थी. कुछ स्थानीय नागरिकों और कुछ राजनीतिक दलों ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था. इसमें मुठभेड़ विशेषज्ञ पुलिस अधिकारी मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गये थे. हालांकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को इस मामले में क्लीन चिट दे दी, जिससे पुलिस की परेशानी कम हुई.