दिल्ली सरकार की ओर से स्कूलों में दवा वितरण की स्कीम की पोल खुल गई है. स्कूलों में दवा खाने से काफी बच्चे बीमार पड़ गए. बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया.
दिल्ली सरकार की ओर से 16 अप्रैल को सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई गई. सरकार ने निर्देश दिए थे कि सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में 16 से 20 अप्रैल के बीच दवा खिलाई जाए.
नॉर्थ दिल्ली के बुराड़ी के सीनियर सेकेंड्री स्कूल में 16 अप्रैल को बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई गई, लेकिन जैसे ही बच्चों ने दवा खाई, अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी. फिर क्या था, बच्चों को एम्बुलेंस से दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल और बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया.
ऐसा ही हाल कई स्कूलों का था. किसी-किसी स्कूल से 8-10 की तादाद में बच्चे अस्पताल पहुंचने लगे. ऐसी ही एक बच्ची मानसी से जब इस बारे में पूछा गया, तो उसने बताया कि दवा खाते ही खुजली शुरू हो गई और उसके पेट में दर्द होने लगा.
दिल्ली सरकार का नारा है, 'पेट के कीड़ों से मुक्ति और बच्चों को शक्ति', लेकिन ये दवा खाने से कई स्कूलों के बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. अब सवाल उठता है कि क्या दवा में कोई कमी है या कोई और बात है? जब 16 अप्रैल को ही इतनी बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हुए हैं, तो 20 अप्रैल तक क्या होगा?