ममता बनर्जी की महारैली की कामयाबी से प्रभावित अरविंद केजरीवाल अब खुद भी विपक्षी दलों की एक ऐसी रैली करने की कोशिश में हैं. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के रामलीला मैदान में फरवरी महीने में ऐसी ही एक रैली हो सकती है. इस रैली के कर्ता-धर्ता दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल होंगे. रैली की तारीख, कार्यक्रम और पूरे एजेंडे पर जल्द ही चर्चा होगी.
शनिवार को कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में देशभर से विपक्षी नेताओं के जुटान से मोदी और बीजेपी विरोधी पार्टियां और नेता जोश में हैं. शनिवार की रैली में ममता बनर्जी ने दावा किया कि 22 दलों के नेता यहां पहुंचे. ये नेता लोकसभा चुनाव 2019 तक इस जोश का बरकरार रखना चाहते हैं. इसलिए विपक्षी दलों के नेताओं के बीच ऐसी रैलियों, जनसभाओं की जरूरत लगातार महसूस की जा रही है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ शुरू से ही मुखर रहे हैं. शनिवार को उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बीते पांच वर्ष में वह कर दिखाया, जो पाकिस्तान 70 वर्षों में नहीं कर सका. केजरीवाल ने कहा, "बीते 70 वर्षों में पाकिस्तान ने देश को कमजोर करने का लगातार प्रयास किया है, पाकिस्तान इन सालों में देश में नफरत फैलाने में नाकाम रहा, लेकिन मोदी-शाह की जोड़ी ने इसे पांच वर्षों में ही कर दिया, उन्होंने देश में नफरत का बीज बो दिया, दोनों मिलकर देश को बर्बाद कर देंगे, वे देश को बांट देंगे."
केजरीवाल ने अपने भाषण में नौकरियों को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा, "देश के युवा नाखुश हैं, उन्होंने मोदी को वोट दिया, क्योंकि उन्होंने रोजगार देने का वादा किया था, मोदी ने नौकरी देने के बदले, नोटबंदी लागू कर दिया, जिससे देश में 1.25 करोड़ नौकरियां समाप्त हो गईं." केजरीवाल ने कहा कि इस सरकार से देश की महिलाएं, किसान, दलित और मुस्लिम भी खुश नहीं हैं.
बता दें कि अरविंद केजरीवाल पहले भी मोदी विरोधी राजनीतिक मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं. दिल्ली में जब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर कांड के बहाने विपक्षी दलों की बड़ी रैली की थी तो अरविंद केजरीवाल यहां भी मौजूद रहे.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि विपक्ष के इस जमावड़े में हितों का टकराव भी है, और महागठबंधन को लीड कौन करेगा, यानी की जरूरत पड़ने पर पीएम कौन होगा ये भी सवाल है. इस रैली के बाद मोदी विरोधी नेताओं के बीच ममता बनर्जी का कद सबसे बड़ा हो गया है. ममता बनर्जी की तरह इस गठजोड़ के दूसरे नेता भी अपने दम पर विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाकर अपनी शख्सियत और राजनीतिक हैसियत को बड़ा करना चाहते हैं.