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इन आठ वजहों से जानिए, क्यों एक जैसे हैं केजरीवाल और कन्हैया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार दोनों कुछ वजहों से एक-दूसरे से मिलते-जुलते नजर आते हैं.

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जो आज दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें कांग्रेस ने नायक बनाया तो आज जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बीजेपी की राजनीति ने हीरो बना दिया. दोनों की मुहिम 'आजादी' है और लक्ष्य आम आदमी का विकास. आइए, इन आठ प्वाइंट्स में जाने क्यों एक-दूजे से मिलते-जुलते हैं केजरीवाल और कन्हैया-

1. कांग्रेस और बीजेपी का कनेक्शन-
- अरविंद केजरीवाल दिल्ली से लेकर देश के हर कोने में चर्चित हुए और एक प्रभावी राजनेता के तौर पर उभरे. केजरीवाल राजनीति में आए उसके लिए कहीं न कहीं कांग्रेस हाथ है. दिल्ली में कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले केजरीवाल को देश की जनता ने हाथों-हाथ लिया.
- कन्हैया कुमार ने जेएनयू के अंदर आरएसएस और बीजेपी के बढ़ते दखल को मुद्दा बनाया. हाल ही में कथित राष्ट्रविरोधी कार्यक्रम में कन्हैया का नाम सामने लाने में बीजेपी और उसके छात्र संगठन एबीवीपी का हाथ है.

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2. दोनों आंदोलनों के जरिए हीरो बने-
- अरविंद केजरीवाल को अन्ना हजारे के जनलोकपाल आंदोलन ने उभारा.
- कन्हैया कुमार को जेएनयू में राष्ट्रवाद और राष्ट्रद्रोह लड़ाई ने हीरो बनाया.

3. केजरीवाल ने भी यही कहा था-
-अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल ने लगभग बार राजनीति में आने के सवाल पर यही कहा था कि वह राजनीति करने नहीं आए हैं. वह राजनीति की मुख्यधारा से नहीं जुड़ेंगे. हालांकि बाद में वह अन्ना से अलग हो गए और पार्टी बना ली.
- कन्हैया कुमार ने भी जेल से रिहा होने के बाद अपने पहले भाषण में ही कहा कि वह नेता नहीं बनना चाहते. वह टीचर बनना चाहते हैं. हालांकि जेएनयू विवाद ने उनकी राजनीतिक राह आसान कर दी है.

4. आजादी की मुहिम से दोनों चर्चा में आए-
-केजरीवाल ने अन्ना के साथ मिलकर देश से भ्रष्टाचार मिटाने और भ्रष्टाचार से आजादी दिलाने की मुहिम छेड़ी था और दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद भी वह लगातार अपनी इस बात को दोहराते रहे हैं.
- कन्हैया कुमार ने कहा है कि वह देश से नहीं बल्कि देश में आजादी चाहते हैं. वह देश को गरीबी, भुखमरी, भेदभाव से आजादी दिलाना चाहते हैं.

5. जनता की लड़ाई लेकर आगे बढ़े-
- अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के हक की लड़ाई का नारा देकर राजनीति में एंट्री ली.
- कन्हैया कुमार ने कहा कि वह आम छात्रों का लड़ाई लड़ रहे हैं और चाहते हैं कि सभी पढ़ें और उनकी तरह आगे बढ़ें.

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6. दोनों तिहाड़ जेल गए
- अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मानहानि के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने मई 2014 में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था.
- कन्हैया कुमार को 9 फरवरी को जेएनयू में हुई कथित देशविरोधी घटना में शामिल रहने के आरोप में पटियाला हाउस कोर्ट ने ही न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था. फिलहाल कन्हैया अंतरिम जमानत पर रिहा हुए हैं.

7. सादगी ही पहचान
- केजरीवाल अपनी सादगी के लिए काफी चर्चा में रहे हैं. केजरीवाल का ड्रेस कोड भी उनकी पहचान बन चुका है.
- कन्हैया की सादगी भी लोगों के सामने है. छात्र संघ अध्यक्ष बनने के बाद भी उनमें तमाम छात्र नेताओं जैसा रौब नहीं आया.

8. फिलहाल दोनों बीजेपी के खिलाफ
- दिल्ली में दोबारा सत्ता पाना हो या फिर 2014 के लोकसभा चुनाव, केजरीवाल की लड़ाई कांग्रेस से हटकर बीजेपी पर आ गई. देश की राजधानी में तमाम प्रशासनिक मुद्दों पर केजरीवाल और बीजेपी की लड़ाई खुलकर सामने भी आ चुकी है.
- कन्हैया की लड़ाई भी जेएनयू में कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधि को मुद्दा बनाने वाली बीजेपी के खिलाफ ही है. जेल से रिहा होने के बाद भी कन्हैया की बातों में आरएसएस और बीजेपी के खिलाफ गुस्सा साफ दिखा है.

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