गुजरात के ऊना में दलितों की पिटाई मामले पर सियासत तेज हो गई है. शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजकोट पहुंचकर अस्पताल में पीड़ितों से मिले. इस दौरान केजरीवाल ने गुजरात की सरकार को दलित विरोधी करार दिया. दिल्ली के सीएम ने पीड़ितों से कहा कि वे आत्महत्या करने की बजाय आंदोलन करें.
खुदकुशी नहीं आंदोलन करें दलित: केजरीवाल
साथ ही अरविंद केजरीवाल उन दलित लोगों से मिले जिन्होंने ने आत्महत्या की कोशिश की थी, केजरीवाल ने उनसे मुलाकात के दौराना कहा, 'दलितों को अन्याय के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए आत्महत्या नहीं'.
केजरीवाल ने कहा कि राजुला में कुछ दलितों के साथ अत्याचार का मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन सही कार्रवाई नहीं कर रही है.
पुलिस की मिलीभगत का आरोप
दरअसल, गुजरात के ऊना में दलित पिटाई पर संसद से लेकर सड़क तक राजनीति हो रही है. केजरीवाल से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ऊना पहुंचे थे. राजकोट में केजरीवाल ने सिविल अस्पताल में भर्ती दलित युवकों से मुलाकात की. मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने गुजरात की बीजेपी सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने आरोप लगाया कि दलित युवकों की पिटाई के पीछे आरोपियों और पुलिस की मिलीभगत है.
केजरीवाल के निशाने पर गुजरात सरकार
केजरीवाल ने गुजरात सरकार पर दलितों का दमन करने का आरोप लगाया. केजरीवाल की मानें तो पहले भी दलितों पर कई हमले हुए लेकिन किसी की खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद जूनागढ़ में अरविंद केजरीवाल पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे. इसके अलावा अमरेली में दलित रैली के दौरान हुई हिंसा में मारे जाने वाले पुलिस कॉन्स्टेबल के परिजनों से भी अरविंद केजरीवाल मिलेंगे.
BJP Govt in Guj is trying to suppress Dalits in state. Such incidents must stop. Strict action must be taken against the culprits: Delhi CM
— ANI (@ANI_news) July 22, 2016
संसद में ऊना पिटाई का मामला उठा
इससे पहले बुधवार को गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने भी ऊना का दौरा किया था और पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. गौरतलब है कि 11 जुलाई को ऊना में 4 दलितों को कार से बांधकर सरेआम पिटाई की गई थी. इन दलित युवकों पर आरोप था कि ये मरे हुए पशुओं की खाल उतार रहे थे. संसद में भी इस मामले पर पिछले दिनों जमकर हंगामा हुआ.