दुनिया के कई देश कोरोना वायरस (कोविड 19 )की जद में हैं, खासतौर से यूरोपीय देशों में भी मामले आने से इसका खतरा और बढ़ने की आशंका है. इसका सीधा प्रभाव जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट उद्योग पर पड़ रहा है क्योंकि हैंडीक्राफ्ट में काम आने वाले कच्चे माल की आपूर्ति चीन से होती है. चीन में लंबे समय से कोरोना वायरस के कोहराम से इंडस्ट्रीज बन्द है जिसके चलते रॉ मेटीरियल 20 फीसदी महंगा आ रहा है. यदि अप्रैल में चीन में इंडस्ट्रीज शुरू नहीं हुई तो यह आपूर्ति ठप हो जाएगी.
अभी तक जोधपुर के निर्यातक अपने कच्चे माल के स्टॉक से काम चला रहे हैं. अगर इस माह तक चीन कोरोना वायरस से नहीं उबरा तो जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट उद्योग आधा रह जाएगा. इससे ही करीब 1500 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा और अगर असर लंबा चला तो हैंडीक्राफ्ट इकाइयां ठप भी हो सकती हैं.
इन सबका सीधा प्रभाव इंडस्ट्रीज के लाखों मजदूरों और कारीगरों पर पड़ेगा. जोधपुर हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भरत दिनेश के अनुसार वर्तमान में प्रतिमाह जोधपुर से 2500 कंटेनर एक्सपोर्ट होते हैं. कोरोना इस माह नियंत्रित नहीं हुआ तो यह संख्या 1200 रह जाएगी जिसका असर इस इंडस्ट्रीज से जुड़े सभी लोगों पर होगा.
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डॉ. भरत दिनेश के मुताबिक, हैंडीक्राफ्ट के मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस सहित अन्य देशों में इन दिनों होने वाले फेयर कैंसिल हो चुके हैं. अप्रैल में भारत में ईपीसीएच फेयर लगाती है, उसको लेकर अभी कुछ सामने नहीं आया है. अगर वर्ल्ड वाइड नेगेटिव ट्रैवल एडवाइजरी जारी हुई तो खरीददार नहीं आएंगे. इससे यह उद्योग भारी मंदी की चपेट में आ जाएगा.
जोधपुर से हैंडीक्राफ्ट का एक्सपोर्ट अमेरिका और यूरोप में होता है. यूरोप में हैंडीक्राफ्ट बड़ी मात्रा में पसंद किया जाता है. अगर वहां कोरोना नियंत्रित नहीं होता है तो जोधपुर का 40 फीसदी एक्सपोर्ट ठप होने की आशंका है.
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फैक्ट फाइल
जोधपुर से 3 साल पहले 2000 करोड़ के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट होते थे. उसकी निरंतर बढ़ोतरी होती गई लेकिन इस बार हमें उम्मीद है करीब 2500 करोड़ के ऊपर का हम निर्यात करेंगे. अब अगर इस का कहर मार्च तक चल जाता है तो मार्केट सेंटीमेंट खराब हो जाता है. लोग खरीदारी नहीं करते हैं और ऑर्डर नहीं करते हैं. ऐसा लोगों को अंदेशा है कि बिजनेस करीब 50 परसेंट तक कम हो जाएगा. इससे एक हजार से 1200 करोड़ का नुकसान हो सकता है. यह प्रकोप आगे बढ़ सकता है.