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कोर्ट ने रेप के आरोपी को बरी किया, कहा- भावनाओं में नहीं बह सकते

दिल्ली की एक कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को बरी करते हुए कहा कि अदालतें भावनाओं में बहकर या मीडिया की खबर पर नहीं चल सकतीं.

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delhi court frees man in rape case
delhi court frees man in rape case

दिल्ली की एक कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को बरी करते हुए कहा कि अदालतें भावनाओं में बहकर या मीडिया की खबर पर नहीं चल सकतीं.

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दरअसल, मामला एक तलाकशुदा महिला और दिल्ली के एक विवाहित पुरुष का है. महिला ने 2012 में पुरुष पर शादी का वादा कर दो साल तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. दोनों लिव-इन में रह रहे थे. लेकिन महिला बाद में मुकर गई और कहा कि उसने गलतफहमी में शिकायत दर्ज करा दी थी.

महिला ने पहले पति से तलाक के बाद दूसरी शादी की थी, पर वह भी नाकाम रही. दूसरे पति से तलाक का मामला लंबित है. महिला ने कोर्ट में कहा कि तलाक की प्रक्रिया पूरी न हो पाने के कारण वे दोनों शादी नहीं कर सके. व्यक्ति बेकसूर है.

ऐसे तो किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता
एडीशनल सेशंस जज निवेदिता अनिल शर्मा ने कहा कि 'आज हर तरफ लोगों में आक्रोश है कि अदालतें दुष्कर्म के आरोपियों को दोषी नहीं ठहराती. अगर गवाह ही प्रोसीक्यूशन का साथ न दे या पर्याप्त सबूत न हों तो किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता. अदालतों को भी कानून के दायरे में रहकर काम करना पड़ता है.'

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