scorecardresearch
 

दिल्ली: पुरानी दिल्ली के बाजार में पटाखों का रियलिटी चेक

देश की राजधानी में पटाखों की बिक्री करने वाले बाजार आग लगने पर खुद को बचाने के लिए कितने सतर्क हैं इसका रियलिटी चेक करने के लिए आजतक की टीम ने चांदनी चौक के पटाखा बाज़ार का दौरा किया. साथ ही आजतक ने दुकानदारों से चाइनीज पटाखों की बिक्री पर भी सवाल किए तो सरकार और पुलिस की सख्ती का असर साफ़ नज़र आया.

Advertisement
X
पटाखा बाजार का रियलिटी चेक
पटाखा बाजार का रियलिटी चेक

Advertisement

देश की राजधानी में पटाखों की बिक्री करने वाले बाजार आग लगने पर खुद को बचाने के लिए कितने सतर्क हैं इसका रियलिटी चेक करने के लिए आजतक की टीम ने चांदनी चौक के पटाखा बाज़ार का दौरा किया. साथ ही आजतक ने दुकानदारों से चाइनीज पटाखों की बिक्री पर भी सवाल किए तो सरकार और पुलिस की सख्ती का असर साफ़ नज़र आया.

पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के नज़दीक हर साल दीवाली से पहले थोक और फुटकर पटाखों की दुकानें लगाई जाती हैं. गाइडलाइन के मुताबिक हर दुकान के बाहर आग बुझाने की गैस, रेत, पानी और सीमेंट रखा होना ज़रूरी है ताकि आग लगने की घटना पर काबू पाया जा सके. दुकानदार हरीश ने बताया कि उन्होंने अपनी दुकान पर एक लड़का बैठाया है जो सिगरेट या बीड़ी पीने वालों पर नजर रखता है. साथ ही दुकान के चारों तरफ बीड़ी, सिगरेट या माचिस न लाने की चेतावनी भी चस्पा की गई है.

Advertisement

चीनी पटाखों को लेकर दुकानदार साफ़ कहते नज़र आए कि वो इन पटाखों का जमकर विरोध कर रहे हैं. करीब एक दर्जन पटाखा व्यापारियों से बात की लेकिन कोई भी चीनी पटाखा बेचना नहीं चाहता है. दुकानदारों का कहना है कि भारतीय माल को तबज्जो देनी चाहिए. साथ ही चांदनी चौक पटाखों का एसोसिएशन भी चीनी पटाखों को बेचने के खिलाफ है. दिल्ली पुलिस और सरकार की छापेमारी की सख्ती का असर बाजार में साफ़ नज़र आ रहा है.

इस बीच बाजार में दौरा करते हुए आजतक की टीम ने एक स्कूल के बच्चे को पटाखे खरीदते हुए कैमरे में कैद किया. दुकानदार से जब हमने ऑन कैमरा बच्चों को पटाखा बेचने पर सवाल पूछे तो वो इनकार करने लगा. ज़ाहिर है छोटे बच्चों को पटाखे बेचना बड़ा ख़तरनाक़ साबित हो सकता है. आगे हमारी टीम ने ऐसे ही ख़तरनाक़ विजुअल्स कैमरे में कैद किये. स्कूल के बच्चे छुट्टी के बाद बीच सड़क पर छोटे पटाखों से करतब करते हुए नज़र आए. कोई मुंह पे पटाखे लगाकर जलाने की कोशिश कर रहा था तो कोई बाकायदा हाथ की उंगलियों के बीच पटाखा फोड़ रहा है.

पटाखे में आग लगने के बाद दमकल विभाग की ज़िम्मेदारी अहम हो जाती है. जामा मस्जिद के नज़दीक ठीक उसी जगह दमकल विभाग है जहां पटाखों का बाजार है. लेकिन हैरानी की बात है कि दमकल विभाग का मैन गेट के सामने इतना अतिक्रमण है कि आग लगने पर फायर टेंडर की गाड़ियां बिल्कुल नहीं निकल सकती. जामा मस्जिद में टूरिस्ट आने की वजह से इस इलाके में बहुत भीड़ होती है लेकिन दमकल विभाग हाल ही में हुए हादसों से सबक लेने को तैयार नहीं है.

Advertisement
Advertisement