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BJP को बजट सत्र में देखने को मिलेगा दिल्ली की हार का असर

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार केंद्र में उसकी मुसीबत बढ़ा सकती है. इस हार का बुरा असर एनडीए सरकार के एजेंडे पर पड़ने की उम्मीद है. विपक्षी पार्टियां कुछ अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयकों सहित कई मुद्दों पर सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ हाथ मिला सकती हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार केंद्र में उसकी मुसीबत बढ़ा सकती है. इस हार का बुरा असर एनडीए सरकार के एजेंडे पर पड़ने की उम्मीद है. विपक्षी पार्टियां कुछ अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयकों सहित कई मुद्दों पर सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ हाथ मिला सकती हैं.

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23 फरवरी से शुरू होने जा रहे महत्वपूर्ण बजट सत्र में सरकार की ओर से पेश विधेयकों को पारित कराने की कवायद देखने को मिलेगी. ये विधेयक उन छह अध्यादेशों की जगह लेंगे, जिन्हें संसद की पिछली बैठक के बाद लागू कराया गया है. सरकार ने देश में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कई कारण गिनाए हैं. एक अध्यादेश स्पष्ट रूप से दिल्ली चुनाव को लक्ष‍ित था. किसी भी अध्यादेश की जगह लेने वाला कानून छह सप्ताह के भीतर संसद के दोनों सदनों से पारित करना जरूरी है.

राज्यसभा में एनडीए बहुमत में नहीं है इसलिए सरकार के लिए अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को पारित कराना आसान नहीं होगा. कांग्रेस नेताओं ने भी इसका संकेत दिया है. कांग्रेस ने मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए बदलावों का जमकर विरोध किया है. कुछ दूसरे अध्यादेशों पर भी कांग्रेस के सुर तीखे ही हैं. कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा, "बजट सत्र में विभिन्न मुद्दों पर पार्टी विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने की कोशिश करेगी." शुक्ला ने कहा कि दिल्ली के नतीजों के बाद सरकार राजनीतिक बढ़त खो चुकी है. बतौर शुक्ला, "दिल्ली के नतीजों ने बता दिया है कि सरकार को अलोकप्रियता का सामना करना पड़ रहा है. लोग महसूस करते हैं कि उनसे किए गए वादे पूरे नहीं हो पाए हैं."

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही इर्दगिर्द घूमता रहा. दिल्ली में 7 फरवरी को होने वाले मतदान से करीब दो सप्ताह पहले किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया. इसके बाद भी भाजपा को 70 सीटों वाली विधानसभा में मात्र 3 सीटें ही मिल पाईं. इससे पार्टी के शिखर के नेताओं को गहरा झटका लगा. इस चुनाव से पहले हुए चुनावों में भाजपा ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू कश्मीर में बेहतर प्रदर्शन किया था.

लोकसभा में बीजू जनता दल के नेता भतृहरि महताब ने कहा कि दिल्ली चुनाव के कारण सत्ताधारी भाजपा को सत्र के दौरान बैक फुट पर रहना पड़ेगा. महताब ने कहा, "भाजपा दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मुकाबले अपना समर्थन नहीं बना पाई. केंद्र की भाजपा सरकार से उम्मीद लगाए बैठे लोगों को भरोसे में लेने में पार्टी नाकाम रही."

पीआरएस विधान के मुताबिक पिछले दो महीने के दौरान छह अध्यादेश लागू किए गए हैं. इनमें कोयला खादान (दूसरा अध्यादेश), बीमा कानून संशोधन, भूमि अधिग्रहण में स्वच्छ एवं पारदर्शी मुआवजा, पुनर्वास एवं पुनरुद्धार (संशोधन), नागरिकता (संशोधन), मोटर वाहन (संशोधन) और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) के अध्यादेश हैं.

-इनपुट IANS से

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