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दिल्‍ली: इच्‍छाधारी बाबा को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया

दिल्ली की एक अदालत ने कई करोड़ रुपये के कथित सेक्स रैकट के मामले में गिरफ्तार स्वयंभू बाबा से हिरासत में पूछताछ करने की गुरुवार को पुलिस को अनुमति दे दी.

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दिल्ली की एक अदालत ने कई करोड़ रुपये के कथित सेक्स रैकट के मामले में गिरफ्तार स्वयंभू बाबा से हिरासत में पूछताछ करने की गुरुवार को पुलिस को अनुमति दे दी.

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मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंदर सिंह ने आरोपी शिव मूरत द्विवेदी उर्फ इच्छादारी संत स्वामी भीमानंद महाराज चित्रकूटवाले को नौ मार्च तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस ने इस बाबा और उसके आरोपी प्रवीण की 10 दिन की रिमांड मांगी थी. पुलिस ने अदालत से कहा कि पूरे मामले के कई पहलू हैं और उन्हें उजागर करने के लिये आरोपी से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है. हम यह भी पता लगाना चाहते हैं कि क्या आरोपी ने विभिन्न स्थानों पर कुछ और कॉल गर्ल्स को अपने कब्जे में कर रखा है.

बहरहाल, बचाव पक्ष के वकील ने अर्जी का पुरजोर तरीके से विरोध कर कहा कि आरोपी से हिरासत में पूछताछ की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है क्योंकि मामले में जांच लगभग पूरी हो चुकी है. बाबा की ओर से हाजिर वकील ने कहा, ‘एक बार जब आरोपी को न्यायिक हिरासत (जेल) में भेज दिया जाये तो पुलिस उसकी हिरासत तब तक नहीं मांग सकती, जब तक उसके पास इसके विशेष कारण न हों.’

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पुलिस ने कहा, ‘यह ‘बाबा’ जिस्मफरोशी के अवैध कारोबार के लिये एक वेबसाइट भी चलाता था. इस मामले में कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य बातों का अभी पता लगाया जाना और उनकी जांच करना बाकी है.’ पुलिस ने कहा कि आरोपी को उसके पैतृक कस्बे उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ले जाने की जरूरत है ताकि वहां उसके संपर्कों के बारे में पता लगाया जा सके. इस बीच, पुलिस ने बाबा के खिलाफ कठोर मकोका कानून की धाराएं लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी.

सेक्स रैकेट कथित तौर पर चलाने के आरोप में उसके खिलाफ अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस को संदेह है कि द्विवेदी नवंबर 2008 में गिरफ्तार सोनू पंजाबन तथा अन्य लोगों सहित कुछ दलालों के भी करीबी संपर्क में था और उन्हीं के साथ रैकेट चला रहा था. सूत्रों ने कहा कि द्विवेदी ने सेक्स रैकेट के जरिये करोड़ों रुपये कमाये. उसके पास से आधा दर्जन डायरियां बरामद हुईं, जिनमें कुछ नेताओं सहित कई लोगों के नाम हैं. बहरहाल, उसके दावों की हकीकत का पता लगाया जाना बाकी है.

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