प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. ED की यह कार्रवाई करीब 16 घंटे तक चली. ये छापेमारी की कार्रवाई रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने से जुड़े मामले को लेकर की गई है.
स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी के एडवोकेट तबरेज का आरोप है कि ईडी दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित वाड्रा के ऑफिस में दरवाजे तोड़कर अंदर घुसी और कर्मचारियों को 13 से 14 घंटे तक बंद रखा. उनका कहना है कि ईडी ने गेट में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया और ऑफिस को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया. उन्होंने दफ्तर के सभी केबिन के ताले भी तोड़ दिए हैं.
तबरेज ने आरोप लगाया कि ईडी की टीम जब ऑफिस में दाखिल हुई, तो अपनी पहचान भी उजागर नहीं की. हमको इसकी जानकारी शाम तक मिली, जबकि ईडी ने शुक्रवार सुबह 11 बजे से ही छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी थी. बताया जा रहा है कि ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबियों के दिल्ली स्थित तीन ठिकानों में छापेमारी की.
Delhi: #Visuals from Robert Vadra's office Sky Light Hospitality Pvt Ltd in Sukhdev Vihar where ED was conducting a raid since yesterday. Company's advocate says, "they entered by breaking doors & kept employees locked for 13-14 hours. They have completely ransacked the office" pic.twitter.com/dEBA26bkVz
— ANI (@ANI) December 7, 2018
ईडी सूत्रों के मुताबिक स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी के सुखदेव विहार स्थित कार्यालय में शुक्रवार दोपहर 11 बजे से छापेमारी की कार्रवाई शुरू की. ईडी की छापेमारी की यह कार्रवाई 16 घंटे तक चली. वहीं, रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने इन छापों को बदले की राजनीति से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि ईडी को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.
इसके अलावा वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने भी इन छापों को बदले की राजनीति और दुर्भावनापूर्ण बताया है. खेतान ने कहा, 'पांच वर्षों से, वर्तमान सरकार ने मेरे मुवक्किल वाड्रा को डराने, उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया है. सरकार ने बदनियती और उनकी छवि को बिगाड़ने और उनके परिजनों पर निशाना साधने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग समेत सभी एजेंसियों का इस्तेमाल किया.'
वाड्रा के वकील ने कहा कि इसी इरादे से जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने सुखदेव विहार, दिल्ली के दफ्तरों पर छापा मारा और इसके साथ ही नोएडा स्थित उनके सहयोगी के आवास पर छापा मारा. उन्होंने कहा कि ये छापे पूरी तरह से अवैध तरीके से सुबह से ही मारे जा रहे हैं और किसी भी कर्मचारी को परिसरों में जाने की अनुमति नहीं है.
खेतान ने कहा कि इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि सरकार या ईडी बार-बार आग्रह करने के बाद भी कार्यालय खोलने के लिए कर्मचारियों का इंतजार नहीं कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अवैध रूप से दरवाजों और तालों को तोड़ दिया और दफ्तर में घुए गए. उन्होंने दफ्तर के सभी केबिन के ताले भी तोड़ दिए हैं.
छापेमारी से भड़की कांग्रेस, मोदी सरकार पर बोला हमला
वहीं, ईडी की छापेमारी की कार्रवाई से भड़की कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने और गैर कानूनी छापेमारी करवाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार के पांव कब्र में लटके हैं, पर बेलगाम व निरंकुश बादशाह को बादशाहत ऐसी चढ़ी है कि नियम –कानून–संविधान सब ताक पर रख पांव तले रौंद रहे हैं. पांच राज्यों में स्पष्ट हार का सामना कर रहे प्रधानमंत्री मोदी अपने पुराने आपराधिक हथकंडों पर उतर आए हैं. रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ बदले व प्रतिशोध की भावना से रेड करवाओ और भाजपा की हार से ध्यान भटकवाओ.'
रणदीप सिंह ने आगे कहा, 'सीबीआई, इनकम टैक्स व ईडी अब स्वतंत्र जांच ऐजेंसी की भूमिका की बजाए मोदी जी के निजी गुलाम व राजनीतिक दलाल की तरह काम कर रहे हैं, उन्हें न नियम कायदों की कद्र है और न ही राजनीतिक शुचिता की चिंता. दूसरी तरफ मोदी जी प्रधानमंत्री कीबजाए अब एक ‘डॉन’ की भूमिका में हैं तथा अपने गरिमामय पद का दुरुपयोग राजनीतिक विरोधियों के प्रति बदला लेने के लिए कर रहे हैं.'