सीएम केजरीवाल ने कहा कि ऐसे मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा. हमको मिलकर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे रेपिस्टों को 6 महीने के अंदर फांसी पर लटकाया जा सके. सीएम केजरीवाल का यह बयान उस समय सामने आया है, जब दिल्ली की अदालत ने निर्भया के दोषियों को एक फरवरी को फांसी पर लटकाने का डेथ वारंट जारी किया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘सब लोग चाहते हैं कि निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए. इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए. यह समय राजनीति करने का नहीं है. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी प्रक्रियाएं पूरी हों और दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए.
प्रकाश जावड़ेकर ने क्या कहा था?
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था, 'अरविंद केजरीवाल सरकार के वकील कह रहे हैं कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती है, क्योंकि अभी अपील का समय है.' केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने सवाल किया था कि यह वक्त किसने दिया? साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक सप्ताह में अगर उनको नोटिस दिया जाता, तो निर्भया के दोषियों के अपील के सारे अधिकार खत्म हो गए होते और वो फांसी पर लटक चुके होते.
जावड़ेकर ने कहा था, 'इससे देश को न्याय मिलता और सबक भी मिलता, लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की देरी के चलते निर्भया के दोषियों को अब तक सजा नहीं मिल पाई है. इस पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जवाब देना चाहिए कि आखिर निर्भया के दोषियों को अब तक फांसी पर लटकाने में देरी क्यों की गई?'
क्या कहना था स्मृति ईरानी का?
इसके अलावा शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने निर्भयाकांड को लेकर कहा था, ‘एक तरफ मां न्याय की गुहार लगा रही थी, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की सरकार उनको न्याय से दूर रखने की कोशिश की जा रही थी. इस पर मैं बीजेपी की महिला कार्यकर्ता होने के नाते आक्रोश जताती हूं.’
ईरानी ने यह भी सवाल किया था कि आखिर केजरीवाल सरकार ने नाबालिग दोषी को सिलाई मशीन और पैसे क्यों दिए? केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था, ‘मैं केजरीवाल सरकार से कहना चाहती हूं कि जुलाई 2018 में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद भी आपकी वजह से निर्भया के गुनहगारों को फांसी नहीं हो रही. आपकी सरकार को धिक्कार है.’