राष्ट्रीय राजधानी में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना की सुनवाई दिल्ली में ही जारी रहेगी. सर्वोच्च न्यायालय ने मामला दिल्ली से मथुरा या कोयम्बटूर अदालत में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्थानांतरण याचिका रद्द कर दी. उन्होंने सत्र न्यायालय के न्यायाधीश की रिपोर्ट प्राप्त होने पर यह याचिका खारिज की. रिपोर्ट में कहा गया था कि जिस आरोपी की तरफ से स्थानांतरण याचिका दायर की गई है, वह नहीं चाहता कि वकील एम.एल. शर्मा उसकी तरफ से मुकदमा लड़ें.
स्थानांतरण याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि वकील को सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी मुकेश की ओर से मामले में पेश होने का कोई अधिकार नहीं है.
मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय के न्यायाधीश से यह पता लगाने के लिए कहा था कि आरोपी 16 दिसंबर, 2012 की इस घटना की सुनवाई में किसे अपना वकील बनाना चाहता है.
यह स्थिति तब पैदा हुई, जब एक अन्य वकील वी.के. आनंद ने न्यायालय से कहा कि वास्तव में अभियुक्त की ओर से अदालत में पेश होने वाले व्यक्ति वही हैं.
सत्र न्यायाधीश ने सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरोपी चाहता है कि वकील आनंद ही उसका मुकदमा लड़ें। यह रिपोर्ट मंगलवार को अदालत कक्ष में खोली गई.
आनंद ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि वह मामले की सुनवाई दिल्ली से बाहर ले जाना चाहते.