ज्योति सिंह के हत्यारे दरिंदों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने एक बार फिर सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने सीधे गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का नाम लेते हुए कहा कि यह फैसला सरकार के दबाव में लिया गया है.
फैसला सुनाए जाने के बाद अक्षय ठाकुर के वकील एपी सिंह मीडिया के सामने आए और 'बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है' के साथ अपनी बात शुरू की. लगभग चिल्लाते हुए उन्होंने कहा, 'गृहमंत्री शिंदे ने 10 सितंबर की रात को ही न्यायिक अधिकारियों से बात करके सब कुछ सेट कर दिया था. जज ने तथ्यों और गवाहों की अनदेखी करते हुए बिना कुछ सोचे-समझे सबको बराबर का अभियुक्त माना और फांसी की सजा सुना दी. यह पूरी तरह से सरकार के दबाव में लिया गया फैसला है.'
समाज और कोर्ट को दी चुनौती
एपी सिंह ने कोर्ट और समाज को अजीबोगरीब चुनौती देते हुए कहा, 'मेरे पास अपील करने के लिए तीन महीने का समय है. अगर मेरे मुवक्किलों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद दिल्ली और देश में रेप की घटनाएं रुक जाती हैं, देश बदल जाता है, तो मैं संतुष्ट हो जाउंगा और फैसले के खिलाफ अपील नहीं करूंगा. लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम हाई कोर्ट में अपील करेंगे और इस जजमेंट को तार-तार कर देंगे.'
इस बयान पर सजा भी हो सकती है
वकील एपी सिंह ने खुले तौर पर दरिंदों का पक्ष लिया. उनकी बातें न सिर्फ जनभावना के खिलाफ थीं, बल्कि अदालत की अवमानना करने वाली भी थीं. उन्होंने कहा, 'दिल्ली कोर्ट पूरी तरह सरकार के दबाव में है. यह पक्षपातपूर्ण फैसला है. सबको पता है कि 10 तारीख के बाद कोर्ट का जजमेंट बदला गया.' जानकारों का मानना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनके बयान पर स्वत: संज्ञान ले ले तो एपी सिंह को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
एपी सिंह ने दावा किया कि चारों दोषियों को पहले न्याय की उम्मीद थी, लेकिन 10 सितंबर के बाद उनकी यह उम्मीद टूट गई. उन्होंने कहा, 'वे यहां आते हुए रो रहे थे और उल्टा मुझे धैर्य बंधाते हुए कह रहे थे कि हमारे साथ तो यह होना ही है.'