राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में मेडिकल की छात्रा के साथ हुई हैवानियत के गवाह और पीड़िता के दोस्त अवनींद्र पांडे ने कहा है कि गैंगरेप के सभी दरिंदों को फांसी की सजा होनी चाहिए.
आज तक के साथ खास बातचीत करते हुए अवनींद्र पांडे ने कहा कि उनकी दोस्त चाहती थी कि दोषियों को जिंदा जलाकर मार दिया जाए. उन्होंने कहा, 'जब मेरी दोस्त अस्पताल में थी तो मैं उनसे मिलने गया था. उन्होंने मुझसे दोषियों को जिंदा जलाने की बात कही थी. चूंकि भारत के कानून में ऐसी सजा का प्रावधान नहीं है इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि उन दोषियों को फांसी की सजा तो जरूर होगी.'
अवनींद्र ने कहा, 'उनकी मानसिकता इंसानों जैसी नहीं, बल्कि जानवरों जैसी थी. इसलिए उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.'
अवनींद्र ने पीड़िता का पूरा साथ निभाया. उन्होंने कहा कि जो भी किया वह अपनी दोस्त और समाज के लिए किया और यही उनका फर्ज थी. उन्होंने कहा, 'हम ड्रॉइंग रूम में बैठकर अच्छी-अच्छी बात करते हैं. समाज बदलने की बात करते हैं, लेकिन अपने ही घर की महिलाओं के साथ हिंसा करते हैं. सबसे पहले तो यह सब बंद होना चाहिए.'
उन्होंने बताया कि वो और उनकी दोस्त कई देर तक सड़क पर पड़े रहे, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ा सवाल यह है कि हम क्या कर रहे हैं? अगर हम मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाएंगे तो समाज का अस्तित्व ही नहीं रहेगा.'
इसी के साथ अवनींद्र कहा कि वारदात के बाद वो उनकी दोस्त ही थी जिन्होंने उन्हें लड़ने का हौसला दिया. उन्होंने कहा, 'मेरी दोस्त को मुझसे ज्यादा चोट लगी थी. उसकी हालत बहुत खराब थी, लेकिन वो मुझे लड़ने का हौसला दे रही थी. जब भी मैं उनसे मिलने अस्पताल जाता था तो वह बस यही पूछती थी कि इलाज में कितना खर्च आएगा.'
गौरतलब है कि देश भर को झकझोर देने वाली ये वारदात 16 दिसंबर, 2012 की सर्द रात की है. लड़की अपने दोस्त अवनींद्र पांडे के साथ 'लाइफ ऑफ पाई' फिल्म देखकर निकली थी. इसके बाद वह मुनिरका से अपने दोस्त के साथ चार्टर्ड बस में चढ़ गई. इस बस में छात्रा के साथ कई बार गैंगरेप किया गया और बाद में बेसुध हालत में उसको उसके दोस्त के साथ सड़क पर फेंक दिया. आरोपियों ने सड़क पर फेंकने के बाद दोनों को कुचलकर मारने का भी प्लान बनाया था.