गैंगरेप के खिलाफ रविवार को इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन में हिंसा के दौरान घायल हुए दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल की मंगलवार सुबह मौत हो गई. हवलदार सुभाष चंद तोमर (47) ने सुबह राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दम तोड़ा. रविवार शाम को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही वह वेंटिलेटर पर थे.
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा, ‘बड़े दुख से हमें सूचित करना पड़ रहा है कि हवलदार सुभाष चंद तोमर की सुबह छह बजकर 40 मिनट पर मौत हो गयी.’ तोमर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले थे.
तोमर करावल नगर इलाके में तैनात थे, रविवार को इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंडिया गेट बुलाया गया था. 1987 में पुलिस में भर्ती हुये तोमर तिलक मार्ग पर घायल अवस्था में मिले थे जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया.
सम्मान के तौर पर दिल्ली पुलिस के सभी कर्मचारी और अधिकारी एक दिन का वेतन तोमर के परिवार को दान देंगे. तोमर के जख्मी होने के मामले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जिन पर हत्या के प्रयास का आरोप है. इन लोगों में आम आदमी पार्टी का एक कार्यकर्ता भी शामिल हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार हुये लोगों पर हत्या का मामला भी चलाया जायेगा. रविवार को इंडिया गेट पर प्रदर्शन में हुयी हिंसा में घायल होने के बाद मंगलवार को दम तोड़ चुके हवलदार तोमर की मौत के लिये प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुये उनके पुत्र दीपक ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता को बर्बरता से पीटा.
उन्होंने कहा, ‘जनता ही उनकी मौत के लिये जिम्मेदार है क्योंकि उनको बुरी तरह पीटा गया. क्या वह मेरे पिता को वापस ला सकते हैं?’ तोमर के भाई युद्धवीर सिंह ने भी कहा, ‘उनका दोष क्या था? वह सिर्फ अपना काम कर रहे थे और अब वह दुनिया में नहीं रहे.’
हवलदार के भाई देवेंदर सिंह ने कहा, ‘उनके परिवार की आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है. वह अपनी नौकरी के लिये प्रतिबद्ध थे.’