दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक ओर अपनी सारी कैबिनेट के साथ उपराज्यपाल निवास में धरने पर बैठे हैं तो दूसरी तरफ उनके सारे विधायक मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
जिस जनता ने इन्हें वोट देकर अपना नेता चुना है वे एसी कमरों में बैठकर धरना दे रहे हैं. एसी कमरों में बैठकर ये नेता दिल्ली की जमीनी हकीकत से काफी दूर हैं. नहीं होता यकीन तो खुद मंत्री गोपाल राय की विधानसभा का हाल जान लीजिए. गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र बाबरपुर में पानी की भारी किल्लत है.
बीते कई दिनों से इस इलाके के लोगों के घरों में पानी नहीं आ रहा है और इलाके के विधायक गोपाल राय LG दफ्तर में धरने पर बैठे हैं. इलाके के लोगों ने बताया कि वह लोग अपनी शिकायत लेकर कई बार विधायक गोपाल राय के दफ्तर गए मगर अब तक समस्या का हल नहीं मिला है.
कई बार शिकायत के बावजूद भी उनके इलाके में पानी नहीं आ रहा है. जाहिर है जिस तरह से दिल्ली में पानी की किल्लत बीते कई दिनों से देखने को मिल रही है और दिल्ली सरकार इस समस्या का समाधान निकालने में अब तक नाकाम रही है, इस दिक्कत का सीधा असर आम लोगों की जिंदगी पर देखने को मिल रहा है. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में पानी एक बड़ा मुद्दा बना सकता है.
केजरीवाल ने हरियाणा सरकार को ठहराया था जिम्मेदार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य में पानी की कमी के लिए भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. केजरीवाल ने कहा था कि बीजेपी दिल्लीवासियों के साथ गंदी राजनीति कर रही है.
धरने पर बैठे केजरीवाल
पिछले चार दिनों से तीन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ गवर्नर हाउस में डेरा जमाए हुए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है.
केजरीवाल ने पीएम मोदी से कहा है कि उपराज्यपाल हमारी बात नहीं सुन रहे हैं, मैं आपसे अपील करता हूं कि आप इस मामले में दखल दें. और पिछले तीन महीने से जो IAS अफसरों की हड़ताल जारी है उसे खत्म कराएं.
केजरीवाल ने लिखा है कि इन अफसरों का ट्रांसफर करना या इनपर कार्रवाई करना सब केंद्र सरकार और एलजी के हाथ में है. इसलिए हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. अब तो लोगों ने भी कहना शुरू कर दिया है कि ये हड़ताल केंद्र सरकार और एलजी मिलकर करवा रहे हैं.
ये हैं AAP की 3 मांगें
- एलजी खुद IAS अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराएं, क्योंकि वो सर्विस विभाग के मुखिया हैं.
- काम रोकने वाले IAS अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें.
- राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें.