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LED स्क्रीन पर MCD और दिल्ली सरकार आमने-सामने

दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच एक बार फिर टकराव के आसार बन रहे हैं और इस बार मुद्दा है दिल्ली सरकार का पूरी दिल्ली में एलईडी स्क्रीन लगाने का प्रोजेक्ट. ईस्ट एमसीडी ने सरकार के इस प्रोजेक्ट पर अड़ंगा डालने का पूरा मन बना लिया है.

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दिल्ली सरकार से फिर भिड़ी एमसीडी
दिल्ली सरकार से फिर भिड़ी एमसीडी

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दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच एक बार फिर टकराव के आसार बन रहे हैं और इस बार मुद्दा है दिल्ली सरकार का पूरी दिल्ली में एलईडी स्क्रीन लगाने का प्रोजेक्ट. ईस्ट एमसीडी ने सरकार के इस प्रोजेक्ट पर अड़ंगा डालने का पूरा मन बना लिया है.

दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच टकराव कोई नई बात नहीं फिर भले ही सफाईकर्मियों की सैलरी का मुद्दा हो या फिर दिल्ली में फैले डेंगू के प्रकोप का. दोनों एक दूसरे को नींचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते. अब एक बार फिर एमसीडी और दिल्ली सरकार एलईडी स्क्रीन प्रोजेक्ट को लेकर आमने सामने है.

दरअसल दिल्ली सरकार ने योजना बनाई है कि वो पूरी दिल्ली में एलईडी स्क्रीन लगाएगी ताकि सरकार की उपलब्धियों को आम आदमी तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए सरकार दिल्ली की प्रमुख सड़कों और भीड़ भरे बाजारों में एलईडी स्क्रीन लगाएगी. लेकिन ईस्ट एमसीडी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि वो सरकार को यमुनापार के इलाकों में एलईडी स्क्रीन नहीं लगाने देगी.

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इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 100 करोड़ रुपये होगी. योजना के तहत पूर्वी दिल्ली में 150 जगहों पर ये स्क्रीन लगाई जानी है. एमसीडी का तर्क है कि इसके लिए एमसीडी से इजाज़त नहीं ली गई है वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत भी सड़क किनारे एलईडी स्क्रीन नहीं लगाई जा सकती क्योंकि इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. लेकिन निगम के इस रवैये का आम आदमी पार्टी ने विरोध किया है. आम आदमी पार्टी ने निगम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो दिल्ली सरकार के हर कदम पर सिर्फ रोड़ा ही अटकाते हैं.

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