जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में कथित रूप से देशविरोधी नारे लगाये जाने के मामले में दिल्ली पुलिस को झटका लगा है. दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल राहुल मेहरा ने दिल्ली सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने के मामले में देशद्रोह की चार्जशीट खारिज की जाए. स्टैंडिंग काउंसिल के मुताबिक दिल्ली पुलिस के पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
बता दें कि दिल्ली स्थित बहुचर्चित जेएनयू में देशविरोधी लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस आरोपियों पर देशद्रोह की धाराएं लगाना चाहती थी. पुलिस ने केस की चार्जशीट दिल्ली सरकार को भेजी थी. दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने चार्जशीट को स्टैंडिंग काउंसिल के पास भेज कर उसकी राय मांगी थी. इसी मामले में स्टैंडिंग काउंसिल ने सरकार को अपनी राय भेजते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह के सबूत नहीं हैं और सरकार को चार्जशीट खत्म करना चाहिए.
स्टैंडिंग काउंसिल ने राहुल मेहरा ने दिल्ली सरकार से जेएनयू मामले की देशद्रोह की चार्जशीट को खारिज करने की सिफारिश करते हुए कहा है कि पुलिस के साथ इलेक्ट्रानिक एविडेंस की कमी है. स्टैंडिंग काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के खिलाफ बोलना राष्ट्रद्रोह नहीं है. स्टैंडिंग काउंसिल की रिपोर्ट में जेएनयू की हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट का भी जिक्र है. इस रिपोर्ट में कई अदालतों के फैसले का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सरकार के खिलाफ बोलना राष्ट्रद्रोह नहीं है और इस चार्जशीट को खारिज किया जाए.
बता दें कि 9 फरवरी 2016 को देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित तौर पर देश-विरोधी नारे लगाए गए थे. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूर्व JNUSU अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. कन्हैया कुमार को इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और पूछताछ भी थी.