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प्रद्युम्न की हत्या के ढाई महीने बाद जागी दिल्ली सरकार, स्टूडेंड सेफ्टी पर चेकलिस्ट जारी

चेकलिस्ट में 117 बिंदु दिए गए हैं. साथ ही चेतावनी दी गई है कि बच्चों पर किसी भी तरह की हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में एक नामी-गिरामी प्राइवेट स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के पूरे 72 दिन बाद दिल्ली सरकार ने बच्चे की सुरक्षा के मद्देनजर चेकलिस्ट जारी किया है. स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा के इंतजामात की जांच करने के लिए चेकलिस्ट में 117 बिंदु दिए गए हैं. साथ ही चेतावनी दी गई है कि बच्चों पर किसी भी तरह की हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

दिल्ली सरकार द्वारा जारी इस चेकलिस्ट में शौचालय से लेकर साइबर सिक्योरिटी तक को ध्यान में रखा गया है. अधिकारियों ने बताया कि प्रद्युम्न ठाकुर का हत्या को ध्यान में रखकर ही यह चेकलिस्ट तैयार किया गया है.

गौरतलब है कि 8 सितंबर, 2017 को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. पहले जहां पुलिस की जांच में एक बस कंडक्टर पर प्रद्युम्न की हत्या का आरोप लगाया गया था, वहीं जांच CBI के हाथों में जाते ही हत्यारोपी उसी स्कूल में कक्षा 11 का एक छात्र निकल आया. इस हिला देने वाली घटना ने स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "स्कूलों में सुरक्षा के न्यूनतम उपायों को लागू करने के उद्देश्य से इस चेकलिस्ट को डिजाइन किया गया है, साथ ही हिंसा के खिलाफ जीरे टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है. इन्हें लागू करने और उसकी निगरानी की व्यवहार्यता को भी ध्यान में रखा गया है."

चेकलिस्ट में बच्चे की सुरक्षा के लिए स्कूल सेफ्टी कमिटी गठित करने, सुरक्षा खामियों को पता लगाने के लिए हर महीने जांच, चहारदिवारी की सुरक्षा, सीसीटीवी से निगरानी, स्कूल में हर आने-जाने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड और आने वालों पर कुछ प्रतिबंध लगाना जैसे उपाय सुझाए गए हैं.

दिशा-निर्देश में कहा गया है, "सभी शौचालयों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए तथा शौचालय में अंदर की ओर की चटखनी आसानी से खुलने और बंद होने वाली होनी चाहिए. प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए शौचालयों में पुरुष कर्मचारी की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए तथा कक्षा-2 तक के विद्यार्थियों को शौचालय ले जाने और ले आने के लिए एक महिला केयरटेकर होनी चाहिए."

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी स्कूलों को यह गाइडलाइंस भेज दी गई हैं. दिल्ली सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि स्कूल टाइम के बाद बच्चों को रोकने के लिए परिजनों से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए और स्कूल परिसर से बाहर होने वाली सभी गतिविधियां कम से कम दो अध्यापकों की देखरेख में ही होनी चाहिए.

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बच्चे जब प्रयोगशाला, स्पोर्ट्स रूम, ऑडिटोरियम, पुस्तकालय, कंप्यूटर रूम, जिम और सभागार में जाएं तो हमेशा उनके साथ देखरेख के लिए संबंधित अध्यापक को उपस्थित होना चाहिए. विद्यालयों को मौजूदा साइबर कानून के अनुरूप साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है.

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