सरकारी विज्ञापनों के मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के पालन के लिए क्या कदम उठाए गए. कांग्रेस नेता अजय माकन ने हाईकोर्ट में इस बारे में याचिका दाखिल की थी.
केजरीवाल सरकार पर सवाल
उच्च
न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार
सरकारी विज्ञापनों पर निगरानी के लिए क्या कोई कमेटी बनाई गई है? उच्च
न्यायालय में केंद्र की ओर से कहा गया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार
विज्ञापनों के जरिये केंद्र सरकार को भी निशाना बना रही है.
अगली सुनवाई २७ जुलाई को
इसपर
अदालत ने कहा कि पहले केंद्र बताए कि इस दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं
फिर इस बारे में अदालत देखेगी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली
सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी पाबंदी
गौरतलब
है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की
तस्वीर के इस्तेमाल पर पाबन्दी लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि
सरकारी विज्ञापन लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए हैं. किसी नेता की छवि
बनाने के लिए नहीं. सिर्फ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के
मुख्य न्यायाधीश इस मामले में अपवाद हैं. अदालत ने सरकार को तीन निष्पक्ष
लोगों की कमिटी नियुक्त करने को भी कहा था जो देश भर में सरकारी विज्ञापनों
पर नज़र रखे.