दिल्ली गैंगरेप मामले में पुलिस ने गुरुवार को हाई कोर्ट में एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को कुछ निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेशन और न्यायाधीश वी. के. जैन की बेंच ने गुरुवार को कहा कि चूंकि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए अब आगे का काम ट्रायल कोर्ट का है. ऐसे में हम जांच की निगरानी करने के इच्छुक नहीं हैं.
गुरुवार को अदालत ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं घटना के वक्त तैनात पुलिसकर्मियों के नाम क्या थे, ताकि हमें यह पता चल सके कि क्या सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है या नहीं. हम इसलिए भी उन अधिकारियों के नाम जानना चाहते हैं क्योंकि कोई भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता.
अदालत ने कहा कि शहर में पेट्रोलिंग के लिए 600 से अधिक पीसीआर वैन की जरूरत है. यह भी कहा गया कि सड़कों पर चल रहे वाहनों में काले शीशे न हों. इस पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि दिल्ली में इसकी आज्ञा नहीं है. पीसीआर सही से काम कर रही हैं या नहीं, इसका रिव्यू किया जाना चाहिए.
पुलिस को कोर्ट ने लगाई थी फटकार
इसके पहले बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी. स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि वारदात के लिए कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर ट्रैफिक को क्यों न जिम्मेदार ठहराया जाए? इसके अलावा हाईकोर्ट ने पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आदेश के बावजूद घटना वाले दिन ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की सूची क्यों नहीं दी गई?
यही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर कानून व्यवस्था को लागू करने वाली एजेंसियां सतर्क होतीं तो उस रात हुई वारदात टाली जा सकती थी.