अभिनेता अनुपम खेर की फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के प्रोमो और फिल्म के रिलीज को तुरंत रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका (PIL) खारिज हो गई है. इस याचिका को खारिज करते हुए हाइकोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्रभावित लोग ही याचिका दाखिल करने का अधिकार रखते हैं. ये जनहित से जुड़ा हुआ मामला नहीं है. लिहाजा हम इस जनहित याचिका को खारिज कर रहे है. याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि देश मे कुछ भी होता है, तो आप कोर्ट आ जाते है. कोर्ट इस तरह की याचिकाओं को स्वीकार नहीं कर सकता.
फिल्म के प्रोड्यूसर्स बोरा ब्रदर्स की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील संग्राम पटनायक ने कहा कि ये याचिका उनके खिलाफ दाखिल की गई है और उन्हें ही याचिकाकर्ता की तरफ से पार्टी नहीं बनाया गया है. इसी से पता चलता है कि ये जनहित याचिका दुर्भावनापूर्ण है और फिल्म को बेवजह रोकने के लिए लगाई गई है. याचिकाकर्ता के इस तर्क को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया कि इस फिल्म से पूर्व प्रधानमंत्री की इमेज ख़राब हो रही है. कोर्ट का मानना था कि इस मामले से प्रभवित लोग खुद कोर्ट आ सकते है. अगर उन्हें फिल्म की रिलीज से कोई परेशानी है.
द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के प्रोमो और फिल्म की रिलीज पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट के इनकार के बाद अब ये साफ हो गया कि यह फिल्म 11 अगस्त की तय डेट को ही रिलीज होगी. साथ ही फिल्म के रिलीज से पहले आ रहे फिल्म के प्रोमो पर भी किसी तरह की कोई रोक नहीं होगी.
इससे पहले याचिकाकर्ता पूजा महाजन ने अपने वकील अरुण मैत्री के जरिए इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के सामने भी सोमवार को रिट पिटीशन लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि फिल्म के प्रोमो पर तुरंत रोक लगाई जाए, क्योंकि इससे देश और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दोनों की छवि खराब हो रही है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता जनहित याचिका लगा सकता है, लेकिन रिट पर सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि इस मामले में याचिकाकर्ता का कोई लोकस ही नहीं बनता है. याचिकाकर्ता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि इस मामले में वो हार नहीं मानेंगे और गुरुवार को मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.