दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म पद्मावती पर बैन लगाने वाली याचिका ख़ारिज कर दी है. शु्क्रवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं से लगाकर हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अभी मामला सेंसर बोर्ड के पास पेंडिंग है. इसके अलावा इस तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही ख़ारिज कर चुका है, लिहाजा इस पर सुनवाई की जरूरत नहीं है. इसलिए हाईकोर्ट ने भी याचिका को खारिज किया है.
गौरतलब है कि अखंड राष्ट्रवादी पार्टी की तरफ से लगाई गई याचिका में कहा गया था कि फिल्म को देश की बड़ी यूनिवर्सिटी के 3 बड़े इतिहासकारों को ये फ़िल्म दिखाई जाए. इसके अलावा सेंसर बोर्ड में एक रिटायर्ड जज भी इसकी जांच करें कि फ़िल्म में इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करने की कोशिश तो नहीं की गई है.
कोर्ट ने कहा कि फ़िल्म रिलीज की जाए या नहीं इसको लेकर कोर्ट को तय नहीं करना है. ये तय करना तो सेंसर बोर्ड का काम है, हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे. बता दें कि फिल्म को 1 दिसंबर को रिलीज़ होना था लेकिन देश भर में करणी सेना के निशाने पर पद्मावती को अभी सेंसर बोर्ड से भी मंजूरी का इंतजार है.