दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अधिकारों को लेकर केंद्र के साथ चल रही तकरार में दिल्ली हाई कोर्ट का साथ मिला है. हाई कोर्ट ने सोमवार को दो टूक कहा कि दिल्ली के पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा के अधिकार क्षेत्र में है और यह कहते हुए अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार एक हेड कॉन्स्टेबल की जमानत याचिका खारिज कर दी.
Today's HC judgement a huge embarassment for central govt. HC also said that the latest 21st May MHA notification is "suspect"
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2015
केजरीवाल ने हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा कि पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के लिए बहुत ही असहज स्थिति है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया, 'ACB को कमजोर करने की केंद्र सरकार की कोशिश नाकाम. हाईकोर्ट ने कहा ACB पर गृह मंत्रालय का आदेश गलत.' सिसोदिया के ट्वीट को केजरीवाल ने रीट्वीट किया.ACB को कमजोर करने की केंद्र सरकार की कोशिश नाकाम। हाईकोर्ट ने कहा ACB पर गृह मंत्रालय का आदेश गलत।
— Manish Sisodia (@msisodia) May 25, 2015
सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच 'दायरे' को लेकर जो टकराव की स्थिति पैदा हुई थी, उसके मद्देनजर गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार को उसकी संवैधानिक सीमा बताई थी. अब इस अधिसूचना पर चर्चा कराने के लिए दिल्ली सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. ऐसी अटकलें हैं कि इस अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में कोई प्रस्ताव पास हो सकता है. समझा जा रहा है कि अधिसूचना के खिलाफ विधानसभा से पारित प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
-इनपुट भाषा से