दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन तथा अन्य से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर जवाब मांगा है. ईडी ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में उन्हें बरी किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
ईडी ने एक विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ दो मई को हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की. एक विशेष अदालत ने गत दो फरवरी को मारन बंधुओं और अन्य को एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बरी कर दिया था.
विशेष अदालत ने कहा कि मामले में लगाए गए आरोप आधिकारिक फाइलों में लिखी बातों का गलत मतलब समझने, अटकलों और शिकायतकर्ता के अनुमानों पर आधारित हैं. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने मारन बंधुओं और अन्य को मामले में बरी करते हुए कहा था कि उनके समक्ष जो भी सबूत और रिकॉर्ड रखे गए, उनके आधार पर किसी भी अभियुक्त के खिलाफ पहली नजर में कोई भी आरोप तय नहीं किया जा सकता है.
ईडी ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शणमुगम, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड और सन डायरेक्ट टीवी प्रा. लि. के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के प्रावधानों के तहत आरोपपत्र दायर किया था.
इसके पहले गुरुवार को दिल्ली की अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में मलेशियाई नागरिकों टी आनंद कृष्णन और ऑगस्टस राफेल मार्शल को भगोड़ा घोषित करने की सीबीआई की याचिका पर कार्रवाई से इनकार कर दिया.
विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने दोनों आरोपियों (जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित है) के खिलाफ मामले को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. सुनवाई के अंतिम दिन सीबीआई ने अदालत को बताया कि दोनों मलेशियाई नागरिकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए और प्रयास करने के जरूरत है.
एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में इन आरोपियों के साथ ही पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं.