दिल्ली हाईकोर्ट ने 2008 में बिहार के लोगों के खिलाफ कथित टिप्पणी करने के मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों में सोमवार को सुनवाई पर रोक लगा दी.
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ की पीठ ने कहा, निचली अदालत के समक्ष सुनवाई पर रोक लगाई जाती है. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि कोई भी शिकायतकर्ता मामले के प्रति गंभीर नहीं है जिनकी शिकायतों पर निचली अदालत ने राज ठाकरे को तलब किया था. न्यायाधीश ने यह भी कहा कि इस अदालत के समक्ष सूचीबद्ध मामले में भी कोई शिकायतकर्ता दिखाई नहीं दिया.
इससे पहले, अदालत ने 12 फरवरी को इस मामले में केस दर्ज कराने वाले आठ लोगों को को नोटिस जारी किए थे, जिन्होंने ठाकरे के खिलाफ अलग...अलग शिकायतें दायर की थीं और MNS प्रमुख की याचिका पर उनका जवाब मांगा था. ठाकरे ने निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगवाने और कथित भड़काऊ टिप्पणियों के लिए अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायतों को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
ठाकरे की तरफ से वरिष्ठ वकील अरविन्द निगम ने अदालत में दलील दी कि स्वीकृति की अनुपस्थिति में निचली अदालत के समक्ष सुनवाई निराधार है. इससे पहले 30 जनवरी 2013 को अदालत ने गैर जमानती वारंटों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी और मामले को MNS प्रमुख द्वारा दायर की गई याचिाकाओं के साथ जोड़ दिया था. ये सभी मामले सुनवाई के लिए अब 12 अकटूबर को आएंगे. ठाकरे के खिलाफ दिल्ली, झारखंड और बिहार सहित विभिन्न स्थानों पर शिकायतें दायर की गई थीं.
-इनपुट भाषा से