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जामिया फायरिंग: प्रियंका बोलीं- PM बताएं वो विकास के साथ या अराजकता के

प्रियंका गांधी ने कहा कि जब बीजेपी सरकार के मंत्री और नेता लोगों को गोली मारने के लिए उकसाएंगे तब यह सब होना मुमकिन है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि वे हिंसा के साथ खड़े हैं या अहिंसा के साथ?

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प्रियंका ने कहा, पीएम बताएं कि वो कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं (फाइल फोटो-ANI)
प्रियंका ने कहा, पीएम बताएं कि वो कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं (फाइल फोटो-ANI)

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  • प्रियंका ने पूछा-पीएम हिंसा के साथ खड़े हैं अहिंसा के
  • जामिया मार्च के दौरान गोलीबारी पर राजनीति शुरू

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दिल्ली के जामिया इलाके में हुई फायरिंग को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. प्रियंका गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि जब बीजेपी सरकार के मंत्री और नेता लोगों को गोली मारने के लिए उकसाएंगे, भड़काऊ भाषण देंगे तब ये सब होना मुमकिन है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए कि वो कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं. वे हिंसा के साथ खड़े हैं या अहिंसा के साथ? वे विकास के साथ खड़े हैं या अराजकता के साथ?

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जामिया मार्च के दौरान गुरुवार को एक शख्स ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी जिसमें एक छात्र घायल हो गया. उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. पुलिस की मौजूदगी में अचानक गोली चलने के बाद मौके पर पहुंचे दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी चिन्मय बिस्वास ने कहा, आरोपी को पकड़ लिया गया है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है. एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया है. उसकी हालत खतरे से बाहर है.

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इस घटना पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि क्या अनुराग ठाकुर का यही इरादा था? उन्होंने कहा कि जामिया में चौंकाने वाली घटना हुई. ये पिछले एक महीने में देश में पैदा हुई है नफरत का नतीजा है. बता दें, अनुराग ठाकुर ने अभी हाल में एक विवादित बयान दिया था जिस पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की और उनके प्रचार पर रोक लगा दी.

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मनीष तिवारी ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस घृणा ने बापू को मारा था, वही नफरत आज भारत पर राज कर रही है. जामिया में गोलीबारी की घटना जहां घटी, वह नफरत का नतीजा है जो पिछले एक महीने से देश में पैदा हुई है. दिल्ली के चुनाव प्रचार में बीजेपी नेताओं के बयान आग में घी डाल रहे हैं. एक सुनियोजित तरीके से मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए सब कुछ हो रहा है. पॉवर सर्कल में बैठे लोग अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. संसद सत्र शुरू हो रहा है लेकिन गांधी की आत्मा इस स्थिति को देख कर आंसू बहा रही होगी.

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