नई सरकार के गठन को लेकर चल रही खींचतान के बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है. कोई भी राजनीतिक दल सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर रहा है. ऐसे में उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति को दिल्ली की स्थिति पर रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की.
दिल्ली विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद बीजेपी ने तो सरकार बनाने से साफ इनकार कर दिया था. वहीं, कांग्रेस से मिले समर्थन के बाद भी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाने के लिए उपराज्यपाल से और वक्त मांगा है.
बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही उपराज्यपाल से मिले, लेकिन किसी ने भी दिल्ली में सरकार बनाने के लिए हामी नहीं भरी. दोनों ही पार्टियों से बातचीत करने के बाद उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति को सौंपी अपनी रिपोर्ट में विभिन्न विकल्पों में से 'राष्ट्रपति शासन' का विकल्प सुझाया है. सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई भी पार्टी सरकार गठन की स्थिति में नहीं है और सरकार के गठन को लेकर स्थिति अस्पष्ट है. यदि कोई पार्टी सरकार गठन का दावा नहीं पेश करती तो अगले दो दिन में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक दो घंटे के संक्षिप्त नोटिस पर बुलाई जा सकती है. दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की बात पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, 'उपराज्यपाल ने कुछ सुझाव दिए हैं और हम रिपोर्ट पर कानूनी रूप से विचार कर रहे हैं.'
गौरतलब है कि बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण सरकार बनाने से इनकार कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उप राज्यपाल से मुलाकात करके समय मांगा था. उनका कहना था कि सरकार गठन का दावा करने से पहले वह बीजेपी और कांग्रेस से कुछ सवालों के जवाब जानना चाहेंगे. उपराज्यपाल से मुलाकात में केजरीवाल ने उन्हें उन पत्रों की प्रतियां सौंपी, जो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लिखे हैं. केजरीवाल ने 18 मुद्दों पर दोनों पार्टियों की राय मांगी है.
कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी (आप) के भेजे 18 बिंदुओं वाले पत्र का सोमवार को जवाब दिया. कांग्रेस ने कहा कि 18 बिंदुओं में से 16 प्रशासन से संबंधित हैं, जिन पर आप चाहे तो दिल्ली में सरकार गठन के बाद उससे चर्चा कर हल निकाल सकती है. कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के दिल्ली प्रभारी शकील अहमद के हस्ताक्षर वाले पत्र में पार्टी ने कहा है कि बाकी बचे दो बिंदु- जन लोकपाल विधेयक और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा-दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर यानी केंद्र के स्तर की बात है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मात्र आठ सीटों तक सिमटी कांग्रेस ने 28 सीटें जीतने वाली आप को सरकार गठन के लिए बेशर्त समर्थन देने की पेशकश की थी, लेकिन आप ने पेशकश पर विचार करने से पहले 18 बिंदुओं वाला पत्र भेजकर कांग्रेस से इन बिंदुओं पर अपनी राय स्पष्ट करने को कहा था.