दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में राजधानी दिल्ली में महिलाओं के लिए बड़ी सौगात का ऐलान किया. उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली में महिलाओं को मेट्रो और बस में सफर करने के लिए एक पैसा भी नहीं देना होगा. लेकिन बीजेपी को लगता है कि ऐसा संभव नहीं है. जिसको लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बीजेपी इस योजना का विरोध कर रही है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि बीजेपी नहीं चाहती की ये योजना अमल में लाई जाए. सिसोदिया ने कहा, 'हम दिल्ली की जनता के बीच जाकर दो सवाल पूछना चाहते हैं कि लोगों को यह योजना चाहिए या नहीं और लोग बीजेपी की तरह सोचते हैं या नहीं. इसको लेकर एक हफ्ते में सभी विधायकों को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.'
सिसोदिया ने कहा कि हम कई लोगों के पास गए और सभी लोगों का कहना है कि ये मैट्रो-बस फ्री सेवा शुरू होनी चाहिए. सिसोदिया ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने आज सभी विधायकों और पार्षदों की मीटिंग बुलाई थी. जिसमें सभी को लोगों के बीच जाने के लिए कहा गया है और लोगों से इस योजना को लेकर राय लेने की बात कही गई है.
सिसोदिया ने बताया कि इसको लेकर छोटी-छोटी हजार सभाएं होंगी. लोगों से ये भी पूछा जाएगा कि बीजेपी इसका विरोध कर रही है तो क्या लोग बीजेपी की तरह सोचते हैं या नहीं. सिसोदिया ने बताया कि विधायकों और पार्षदों को इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर देनी होगी. वहीं सिसोदिया ने बताया कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की हर विधानसभा में जाकर इस योजना को लेकर सभाएं करेगी.
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का मानना है कि सत्ता में आने के बाद से पिछले करीब साढ़े चार साल की 'सबसे बड़ी उपलब्धि' आउटकम (परिणामोन्मुख) बजट को सफलतापूर्वक लागू करने की रही. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस बजट के साथ ही शहर में सुधार लाने में सफल रही. पहली बार 'आप' सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आउटकम बजट लांच किया था, ताकि आम बजट की कमियों को दूर किया जा सके. आउटकम बजट में हर विभाग और एजेंसी से उनके प्रमुख कार्यक्रमों और योजनाओं को लेकर पूछा जाता है कि इस पर खर्च करने से अल्पकालिक समय में दिल्ली की जनता को क्या फायदा होगा.