बिना ड्राइवर की मेट्रो ट्रेनों को दिल्ली मेट्रो का हिस्सा बनाने को लेकर काफी लंबे समय से चर्चा चल रही है, लेकिन तीसरे फेज की दो नई लाइनों पर खास तकनीक के कोचों के इस्तेमाल से यह सपना जल्द ही हकीकत में बदलने वाला है.
बिना ड्राइवर की मेट्रो ट्रेनों के अलावा 58 किलोमीटर लंबी मुकुंदपुर-शिवविहार लाइन और 34 किलोमीटर लंबी जनकपुरी (पश्चिम)-बॉटेनिकल गार्डन लाइन पर नई टेक्नोलॉजी के सिग्नल भी लगाए जाएंगे.
मेट्रो के प्रवक्ता ने बताया, ‘कम्युनिकेशन आधारित रेल कंट्रोल टेक्नोलॉजी के जरिए मेट्रो ट्रेनों के फेरे बढ़ जाएंगे और दो मेट्रो ट्रेनों के बीच का गैप 90 सेकेंड तक घट जाएगा.’ एक अधिकारी ने बताया कि बिना ड्राइवर वाली मेट्रो की छह कोच वाली ट्रेन में 240 से ज्यादा यात्री सवार हो सकते हैं क्योंकि इसमें ड्राइवर के केबिन की जरूरत नहीं होगी.
आत्महत्या रोकने को लगेंगे स्क्रीन गेट
अगले चरण में इन दोनों लाइन पर बनने वाले 68 स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म पर भी स्क्रीन गेट लगाए जाएंगे ताकि सुरक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सके और आत्महत्या के प्रयासों को रोका जा सके.
एक अधिकारी ने बताया, ‘इन दोनों लाइनों पर 60 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है.’ दूसरी लाइनों पर इस तकनीक के इस्तेमाल के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं होगा क्योंकि तीसरे चरण के तहत बनने वाली अन्य लाइनों में अधिकांश मौजूदा लाइनों का विस्तार है.
उन्होंने बताया कि नई ट्रेनें मौजूदा ट्रेनों से 10 फीसदी ज्यादा एनर्जी की बचत करेंगी, क्योंकि इनके डिजाइन में बदलाव किया गया है और ब्रेक के दौरान मिलने वाली एनर्जी को ज्यादा से ज्यादा बचाया जाएगा और एलईडी लाइनों का भी इस्तेमाल किया गया है.
- इनपुट भाषा