दिल्ली में पार्किंग की दर करीब बीस गुना तक करने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल की हरी झंडी मिल गई है. हाईकोर्ट की बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स ने इस प्रस्ताव को रखा जिसे पहले परिवहन विभाग ने मंजूरी दी.
करीब आठ महीने के बाद अब इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने भी मंजूर कर लिया है और इसे लागू करने के लिए सभी तीन एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए और मेट्रो को भेज दिया है.
अब तक पेट्रोल और डीजल के बढ़ती कीमतों ने बेहाल किया है. चलती गाड़ी की तो बात छोड़िए अब खड़ी गाड़ी भी आपको बेदम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. दिल्ली के परिवहन विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट के बनाए स्पेशल टास्क फोर्स के कहने पर पार्किंग की दर सीधे छप्पर फाड़ कर बढ़ाने का प्रस्ताव बना लिया है. इस प्रस्ताव को दिल्ली के उपराज्यपाल की भी मंजूरी मिल गई है. जिसके मुताबिक पार्किंग बीस गुनी तक महंगी हो जाएगी.
ये तो बात उन घंटों की है जो नॉन पीक आवर कहे जाते हैं, अगर पीक आवर में पार्किंग करनी पड़ी तो इसके अलावा 50 फीसदी और पैसा खर्च करने को तैयार रहें.
अगर इस प्रस्ताव को लागू कर दिया गया तो आपकी जेब बुरी तरह से ढीली होगी. अब तक जहां पहले दस घंटों के लिए सिर्फ दस रुपए देने पड़ते थे, वहीं अब तो इन घंटो को स्लैब में बांट दिया गया है. कार और फोर व्हीलर पहले आधे घंटे के लिए जहां दस रुपए खर्च करने होंगे. वहीं एक घंटे के लिए बीस रुपए और तीन घंटे तक के लिए 50 रुपए. अगर इतने ने ही दम निकाल दिया है तो आगे अपना दिल मजबूत कर लें, क्योंकि तीन घंटे से आगे हर घंटे के लिए बीस रुपया और देना होगा यानी दस घंटों के लिए जहां आप सिर्फ दस रुपए में काम चला लेते हैं वहीं इस प्रस्ताव के मुताबिक 190 रुपए देने होंगे. ध्यान रखें कि इसमें पीक आवर का 50 फीसदी और शामिल नहीं है.
टू व्हीलर के लिए भी कुछ ऐसा ही प्रस्ताव है, उनके लिए फोर व्हीलर की आधी पार्किंग दर रखी गई है. लेकिन वहां ये पार्किंग की कीमत नौ घंटे तक अधिकतम 50 रुपए रखने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने मंजूरी दी है. उपराज्यपाल की मंजूरी यानी अब पार्किंग का ये महंगाई बम कभी भी फट सकता है क्योंकि कोर्ट ने तो पहले ही इसपर मुहर लगा दी है.
दिल्ली मेट्रो के पाकिंग की रेट में भी इज़ाफा दर्ज किया गया है. मेट्रो के पास अपनी गाड़ी पार्क करने के लिए अब आपको दोगुनी राशि खर्च करनी पडे़गी.